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EDITORIALS

यह विश्व जो अनुराग एवम विराग (द्वेष) से परिपूर्ण स्वप्न...

भारत वर्ष दार्शनिकों, आध्यात्मिक ऋृषियों एवं गुरूओं का देश रहा है। आदि शंकर इसी परम्परा के एक महान प्रतिनिधि थे।आदि शंकराचार्य ने...