फिर कुएं में गिरा तेंदुआ:डेढ़ माह में तीसरी घटना; वन विभाग ने शुरू की जाली लगाने की योजना, पर 2 साल में कितनी लगी पता नहीं

छत्तीसगढ़ के कांकेर में फिर एक तेंदुए का शव कुएं में मिला है। शव पूरी तरह से फूल चुका था। ऐसे में आशंका है कि दो दिन पहले तेंदुआ शिकार की चक्कर में कुएं में गिरा होगा। डेढ़ माह में यह तीसरी घटना है। इससे पहले एक तेंदुआ और एक भालू भी गिर चुके हैं। वन्य जीवों के इस तरह से गिरते देख कुएं में जाली लगाने की योजना लाई गई थी। करीब 2 साल बीतने के बाद वन विभाग को पता नहीं है कि कहां और कितने कुओं में जालियां लगाई गई हैं।

फिर कुएं में गिरा तेंदुआ:डेढ़ माह में तीसरी घटना; वन विभाग ने शुरू की जाली लगाने की योजना, पर 2 साल में कितनी लगी पता नहीं

छत्तीसगढ़ के कांकेर में फिर एक तेंदुए का शव कुएं में मिला है। शव पूरी तरह से फूल चुका था। ऐसे में आशंका है कि दो दिन पहले तेंदुआ शिकार की चक्कर में कुएं में गिरा होगा। डेढ़ माह में यह तीसरी घटना है। इससे पहले एक तेंदुआ और एक भालू भी गिर चुके हैं। वन्य जीवों के इस तरह से गिरते देख कुएं में जाली लगाने की योजना लाई गई थी। करीब 2 साल बीतने के बाद वन विभाग को पता नहीं है कि कहां और कितने कुओं में जालियां लगाई गई हैं।

जानकारी के मुताबिक, दुधावा चौंकी के गांव देवडोंगर निवासी गजाधर पटेल के बाड़ी में 40 फीट गहरा कुआं है। परिवार के सदस्य जब पानी लेने के लिए पहुंचे तो उन्हें कुएं में तेंदुए का शव दिखाई दिया। इसके बाद उन्होंने आसपास के लोगों और वन विभाग को सूचना दी। शव फूल जाने से दो दिन पुराना बताया जा रहा है। हालांकि परिवार के लोगों का कहना है कि वह शनिवार को भी पानी लेने गए थे, तब कुएं में शव नहीं था।

पहले भी तेंदुए को शिकार के लिए गांव में देखा गया था
वन विभाग की टीम ने गांव में पहुंच कर तेंदुए का शव बाहर निकाल पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। रिपोर्ट आने पर ही मौत के सही कारण का पता चलेगा। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि तेंदुआ शिकार और भोजन की तलाश में हमेशा गांव में आता था। उसे कई बार देखा गया है। जहां कुआं है वहां भी कुछ दूरी पर मवेशियों को बांधा गया है। आशंका है उसके शिकार के चक्कर में वह पहुंचा होगा और फिर कुएं में गिरने से उसकी मौत हो गई होगी।

भालू का किया गया था रेस्क्यू, तेंदुए का मिला था शव
करीब डेढ़ माह पहले नरहरपुर नगर के कुएं में एक भालू गिर गया था। करीब 5 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उसे सुरक्षित बाहर निकाला जा सका। वहीं दिसंबर में चारामा के गांव जैसाकर्रा में भी एक तेंदुए का शव कुएं में मिला था। तीन साल पहले ग्राम बाडा़टोला में एक खेत में स्थित कुएं में भी गिरने से तेंदुआ की मौत हो गई थी। कुछ साल पहले कई जगह तेंदुआ व भालू कुएं में गिरकर मर चुके हैं। इसके बाद ही जाली लगाने की योजना शुरू की गई।