‘मीट द चैंपियंस’ कार्यक्रम सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि इससे बढ़कर एक जिम्मेदारी है: टोक्यो ओलंपियन लालरेम्सियामी

“हम एक फिट इंडिया का निर्माण तभी कर सकते हैं, जब हम जंक फूड की तुलना में पौष्टिक भोजन को चुनना सीखें”

‘मीट द चैंपियंस’ कार्यक्रम सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि इससे बढ़कर एक जिम्मेदारी है: टोक्यो ओलंपियन लालरेम्सियामी

‘मीट द चैंपियंस’ कार्यक्रम सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि इससे बढ़कर एक जिम्मेदारी है: टोक्यो ओलंपियन लालरेम्सियामी

“हम एक फिट इंडिया का निर्माण तभी कर सकते हैं, जब हम जंक फूड की तुलना में पौष्टिक भोजन को चुनना सीखें”

“मैं जंक-फूड की शौकीन हुआ करती थी औ र मेरे लिए इंस्टेंट नूडल्स को ठुकरा पाना कठिन काम था। लेकिन यह हॉकी ही थी जिसने मुझे जंक फूड की तुलना में पौष्टिक भोजन को चुनने के लिए बाध्य किया और आज मैं एक फिट और स्वस्थ जीवन जीने में विश्वास करती हूं।” यह बात ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली मिजोरम की पहली महिला हॉकी खिलाड़ी लालरेम्सियामी हमार ने आज मिजोरम में अपने गृहनगर कोलासिब में ‘मीट द चैंपियंस’ कार्यक्रम के दौरान स्कूली छात्रों के साथ बातचीत करते हुए कही।

इस दौरान, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘संतुलित आहार’ के बारे में शुरू किए गए इस अनूठे अभियान की मेजबानी करने वाले सेंट मारिया गोरेट्टी स्कूल में एकत्रित लगभग 200 स्कूली छात्रों द्वारा इस 21 वर्षीया हॉकी खिलाड़ी का जोरदार स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री के इस नेक विचार की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि ‘मीट द चैंपियंस’ कार्यक्रम सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि इससे बढ़कर एक जिम्मेदारी है और चूंकि मैं देश के इस हिस्से से आती हूं, इसलिए मैंने बच्चों को स्वस्थ जीवन की ओर प्रेरित करने की आशा के साथ यहां अपने मूल शहर में इस अनूठी पहल को शुरू करने का फैसला किया।”   

विद्यार्थियों से पौष्टिक खाना खाने का आग्रह करते हुए, इस मिजो हॉकी स्टार ने कहा, “और हम तभी ‘फिट इंडिया’ का निर्माण कर सकते हैं, जब हम जंक फूड की तुलना में पौष्टिक भोजन चुनें।”

बचपन से लेकर एक एथलीट के रूप में उभरने तक भोजन संबंधी अपनी आदतों के बारे में जानकारी साझा करते हुए, इस भारतीय हॉकी खिलाड़ी ने बताया कि कैसे उनके प्रशिक्षकों और साथियों ने संतुलित आहार के लाभों को समझने में उनकी मदद की। इतना ही नहीं, उन्होंने कोलासिब जैसे एक छोटे से शहर से भारतीय ओलंपिक टीम में अपना स्थान पक्का करने तक के अपने सफर के बारे में भी बात की। उन्होंने छात्रों से कहा, “जब मुझे ओलंपिक टीम के लिए चुना गया, तो यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि थी क्योंकि इससे मुझे अपने दिवंगत पिता के सपने को पूरा करने में मदद मिली। यह कभी मत सोचिए कि मैं आप लोगों से अलग हूं। मैं एक साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि वाली एक बहुत ही साधारण लड़की हूं, लेकिन अंतर सिर्फ इतना है कि मैंने अपने जीवन के लक्ष्य के रूप में हॉकी को अपनाया और मुझे विश्वास है कि आप सभी इसी तरह अपने लक्ष्य को तभी पा सकते हैं जब आप अपने स्वास्थ्य और दिमाग दोनों का ख्याल रखें।”

‘संतुलित आहार’  के बारे में बातचीत के अलावा, इस कार्यक्रम के दौरान इस युवा भारतीय हॉकी खिलाड़ी ने ओलंपिक तक की अपनी यात्रा को साझा किया, छात्रों के साथ प्रश्नोत्तरी सत्र में भाग लिया और छात्रों के साथ वॉलीबॉल भी खेला। इस तरह की गतिविधियों ने छात्रों में काफी जोश पैदा किया। सेंट मारिया गोरेट्टी स्कूल के छठी कक्षा के छात्र मार्टिन ललनंटलुआंगा ने कहा, “यह एक बेहद दिलचस्प कार्यक्रम था और चूंकि वो हमारे अपने शहर से हैं, इसलिए उनके साथ इतनी निकटता से बातचीत करना हमारे लिए गर्व का क्षण था। मुझे वॉलीबॉल खेलना पसंद है और इस कार्यक्रम के बाद, मैं समझ गया कि हमें फास्ट फूड से बचने की कोशिश करनी चाहिए।”

खास बात यह है कि यह अनूठी पहल युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जा रही है और यह सरकार के 'आजादी का अमृत महोत्सव' का हिस्सा है।