सबसे बड़ा सवाल महाराष्ट्र ' में टक्कर या 'सियासी चक्कर'? महाराष्ट्र में मंत्री छगन भुजबल और मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल के बीच जुबानी जंग चल रही है

सबसे बड़ा सवाल  महाराष्ट्र ' में टक्कर या 'सियासी चक्कर'? महाराष्ट्र में मंत्री छगन भुजबल और मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल के बीच जुबानी जंग चल रही है

महाराष्ट्र ' में टक्कर या 'सियासी चक्कर'? मंत्री छगन भुजबल और मराठा नेता मनोज जरांगे

पाटिल के बीच जुबानी जंग .

मनोज जरांगे ने दावा किया है कि छगन भुजबल राज्य के सीएम बनना चाहते हैं. उन्होंने राज्य के सीएम और उपमुख्यमंत्रियों से अनुरोध किया है कि भुजबल के बयान पर लगाम लगाएं. महाराष्ट्र के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल और मराठाओं के लिए आरक्षण की मांग कर रहे नेता मनोज जरांगे पाटिल के बीच जुबानी जंग चल रही है. छगन भुजबल ने जरांगे पर हमला बोलते हुए कहा कि वह सास के घर की रोटी नहीं तोड़ते हैं. भुजबल के इस बयान के बाद जरांगे पाटिल ने भी पलटवार किया है. मनोज जारांगे पाटिल ने कहा कि छगन भुजबल बड़े हो गए हैं. इसलिए वे कुछ भी करने का साहस कर रहे हैं. वह वास्तव में मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. मनोज जरांगे पाटिल ने हमला करते हुए कहा कि आपने जेल में बेसन की रोटी खाना शुरू कर दिया, क्योंकि मराठों पर अत्याचार किया गया था. जैसे ही मराठों को आरक्षण मिलेगा. कुछ के साथ छेड़छाड़ हो रही है. इंतजार करने का मन करता है. लेकिन मैं डरूंगा नहीं. मैं भी मराठा हूं.
उन्होंने मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों से अनुरोध किया कि इन्हें रोकें. यदि नहीं, तो हमें तदनुसार उत्तर देना होगा. हम कानून-व्यवस्था को बाधित नहीं करना चाहते. हम जानते हैं कि वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. अगर मुख्यमंत्री बनना है तो अजित दादा और देवेन्द्र फड़णवीस को क्या करना चाहिए?
मराठा आरक्षण की मांग पर अड़े जरांगे
उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि हमें कुनबी नहीं चाहिए. लेकिन कुनबी शब्दों में इतना बुरा क्या है? कुनबी का संशोधित शब्द कृषि के रूप में आया है, जिसे भी कुनबी से शर्म आती है, उसे अपना खेत बेचकर चांद पर चले जाना चाहिए. अगर आप विरोध नहीं करना चाहते तो मत आइए. लेकिन अब गरीब मराठों के खाने में जहर मत मिलाओ. ऐसा मौका दोबारा नहीं मिलेगा. इस अवसर का भरपूर लाभ उठाएं ना कहने वालों को ना कहने दो. उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास कोई और काम नहीं बचा है.
उन्होंने कहा कि चाहे कितने भी लोगों को आने की इजाजत दी जाए, वे बिना रिजर्वेशन के चुप नहीं बैठेंगे. आरक्षण वाले मराठा दूसरे मराठों के साथ हैं. जाति को खत्म न होने दें. उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हैं. इसके लिए वे दो जातियों के बीच दरार पैदा कर दंगा कराने की कोशिश कर रहे हैं. मैं अब उसकी कद्र नहीं करता. हमारी कोशिश है कि शांति भंग न हो.
बता दें कि मनोज जरांगे लंबे समय से मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने आरक्षण की मांग पर कई दिनों तक भूख हड़ताल भी की थी, लेकिन राज्य सरकार के आश्वासन के बाद उन्होंने अनशन वापस ले लिया है, लेकिन आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है.
छगन भुगबल को मंत्री पद से हटाने की उठी मांग
इस बीच, उनकी और छगन भुजबल के बीच जुबानी जंग शुरू हो गयी है. इस बीच छगन भुजबल को मंत्रिमंडल से हटाने की भी मांग उठी है. संभाजी राजे छत्रपति ने छगन भुजबल को मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की है. संभाजी राजे ने फेसबुक पर एक पोस्ट कर यह मांग की है.
संभाजी राजे ने कहा कि छगन भुजबल राज्य के सामाजिक स्वास्थ्य को खराब करने का काम कर रहे हैं. साधारण ओबीसी भाई केवल अपनी राजनीतिक स्थिति बनाए रखने के लिए दो समुदायों के बीच अस्तित्वहीन संघर्षों को भड़काने का पाप कर रहे हैं, जबकि मराठा समुदाय का कोई विरोध नहीं है.
उन्होंने कहा कि अगर सरकार का कोई मंत्री खुलेआम अलग रुख अपनाता है और सांप्रदायिक तनाव पैदा करता है तो क्या सरकार भी वही रुख अपनाती है? इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए अन्यथा छगन भुजबल को मंत्री पद से हटा दिया जाना चाहिए.