शुभोदय लॉज में चल रहे देह व्यापार के धंधे पर कार्रवाई से नेरुल के शिरावने गांव में हड़कंप क्यों मच गया

अनधिकृत आवास, गांव में आवास और बोर्डिंग में वेश्यावृत्ति, आवासीय भवनों में आवास का अनधिकृत निर्माण, अतिक्रमण विभाग की सार्थक उपेक्षा के कारण शिरावणे गांव का अस्तित्व खतरे में है? नेरुल के शिरावने गांव में अनाधिकृत आवास का मामला जहां सुर्खियों में था, वहीं इसी प्रभाग के शुभोदय लॉज में चल रहे देह व्यापार के धंधे पर कार्रवाई से गांव में हड़कंप मच गया.

शुभोदय लॉज में चल रहे देह व्यापार के धंधे पर कार्रवाई से नेरुल के शिरावने गांव में हड़कंप क्यों  मच गया ?

अनधिकृत आवास, गांव में आवास और बोर्डिंग में वेश्यावृत्ति, आवासीय भवनों में आवास का अनधिकृत निर्माण, अतिक्रमण विभाग की सार्थक उपेक्षा के कारण शिरावणे गांव का अस्तित्व खतरे में है?
नेरुल के शिरावने गांव में अनाधिकृत आवास का मामला जहां सुर्खियों में था, वहीं इसी प्रभाग के शुभोदय लॉज में चल रहे देह व्यापार के धंधे पर कार्रवाई से गांव में हड़कंप मच गया.

सोमवार की रात सात लड़कियों को मुक्त कराया गया. शुभोदय लॉज में चल रहे देह व्यापार के धंधे पर क्राइम ब्रांच पुलिस की छापेमारी.इससे यह बात सामने आई है कि शिरावणे गांव के आवासों में देह व्यापार का धंधा चल रहा है.प्रशासन इस पर लगाम लगाने की बजाय इसे और बढ़ाने का काम कर रहा है, ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि क्या प्रशासन इसका रक्षक है या भक्षक. नागरिक.क्राइम ब्रांच सेल 3 को सूचना मिली कि शिरावने गांव के शुभोदय लॉज में लड़कियों से वेश्यावृत्ति कराई जा रही है। इसके आधार पर सीनियर इंस्पेक्टर पराग सोनवणे, असिस्टेंट इंस्पेक्टर संतोष चव्हाण, सब-इंस्पेक्टर आकाश पाटिल की टीम ने वहां छापा मारा. इसी दौरान लॉज मालिक और दलालों के जरिए देह व्यापार के धंधे का खुलासा हुआ. 

इस मामले में नेरुल पुलिस स्टेशन में रिंटूकुमार गौड़ा, संजीतकुमार यादव, दलाल सचिन मंडल, अब्दुल्ला तारपदार और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. शिरावने गांव इलाके में डांस बार, लॉज में बड़ी संख्या में अवैध कारोबार चल रहा है.ग्रामीण अक्सर इसके खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। लेकिन पुलिस से उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा है तो अवैध कारोबारी खदेड़े जा रहे हैं. लेकिन वरिष्ठों के अवैध कारोबार में "मिली भगत" के कारण लगातार कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो रही है। प्रशासन की इस ढिलाई के कारण शिरावने गांव को डांस बार, बार रेस्टोरेंट में अग्रणी माना जाने लगा है। अवैध व्यापार, अनधिकृत निर्माण।शिरावने गांव में लॉजिंग और बोर्डिंग धारक अब हंगामा कर रहे हैं. इस जगह पर लॉजिंग और बोर्डिंग वालों की संख्या काफी है और अब रिहायशी इलाके में ही लॉजिंग का निर्माण शुरू कर दिया गया है. फिलहाल यहां लॉजिंग और बोर्डिंग का काम चल रहा है. इसी गांव के प्लॉट नंबर 306 और इसके खिलाफ ग्रामीण आक्रामक हो गए हैं. नए आवास निर्माण कार्य की जानकारी मिलते ही शिरावने के ग्रामीणों ने एक बैठक की और इस निर्माण के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया.जब ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि उक्त निर्माण के लिए कोई अनुमति नहीं है तो ग्रामीणों ने लिखित बयान के माध्यम से शिकायत करते हुए मांग की है कि निर्माण के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए।ग्रामीणों ने अब मात्रा में आवास की समस्या को उठाया है।पिछले कुछ सालों में शिरवणे गांव बार और लॉजिंग का अड्डा बन गया है. इस जगह पर शहर के बाहर से भी लोग डांस बार और लॉजिंग में मौज-मस्ती करने आते हैं और यहां भी बड़ी संख्या में लोग नजर आते हैं.उन्हें अपनी जान हथेली पर लेकर घूमना पड़ता है। कई बार इस जगह पर छेड़छाड़ की घटनाएं हो चुकी हैं और झड़पें भी हो चुकी हैं। नवी मुंबई शहर ग्रामीणों की जमीन पर स्थित है और गांव वालों ने अपनी संस्कृति को बचाकर रखा है। आज भी। जैसा कि हो रहा है, भविष्य में ग्रामीणों की संस्कृति ख़त्म होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

ALOK SHUKLA 

NAVI MUMBAI