नवी मुंबई के स्कूल में क्यों नहीं लग रहे CCTV क्या यह हाई कोर्ट के आदेश का अवमानना नहीं ?

नवी मुंबई के कुछ स्कूल में ना CCTV कैमरा है ना स्कूल बस में क्या यह हाई कोर्ट के आदेश का अवमानना नहीं ? ना स्कूल में CCTV लग रहे ना स्कूल बस में क्या कारण है समझ के परे ? क्या छुपा रहे नवी मुंबई निजि स्कूल वाले सबसे बड़ा सवाल ?

ना स्कूल में  CCTV लग रहे ना स्कूल  बस में क्या कारण है समझ के परे ? क्या छुपा रहे  नवी मुंबई निजि स्कूल वाले सबसे बड़ा सवाल ? 

नवी मुंबई के स्कूल में क्यों नहीं लग रहे CCTV क्या यह हाई कोर्ट के आदेश का अवमानना नहीं ? 

ना स्कूल में  CCTV लग रहे ना स्कूल  बस में क्या कारण है समझ के परे ? क्या छुपा रहे  नवी मुंबई निजि स्कूल वाले सबसे बड़ा सवाल ? 

स्कूलों में क्लासरूम्स के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की दिल्ली सरकार की योजना को हाई कोर्ट ने गुरुवार को हरी झंडी दिखा दी। कोर्ट ने कहा कि क्लासरूम्स में सीसीटीवी होने में कुछ भी गलत नहीं है। कोर्ट ने इन दावों को खारिज कर दिया कि इससे बच्चों की निजता का अधिकार(राइट टू प्राइवेसी) प्रभावित होगा।  

क्लासरूम में CCTV प्राइवेसी का मामला नहीं: हाई कोर्ट  

चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वी के राव की बेंच ने कहा कि क्लास में सीसीटीवी कैमरे लगाने में प्राइवेसी का कोई मामला नहीं है, क्योंकि वहां कुछ भी निजी काम नहीं किया जा रहा है। बेंच ने कहा कि प्राइवेसी की चिंताओं को बच्चों की सुरक्षा के साथ संतुलित करने की जरूरत है। बेंच ने कहा कि पैरंट्स अक्सर टीचरों पर नहीं पढ़ाने का आरोप लगाते हैं और इसलिए क्लासरूम्स में कैमरे सही तस्वीर दिखाएंगे। बेंच ने ये टिप्पणियां उस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कीं, जिसमें दिल्ली सरकार के स्कूलों की क्लासरूम्स में 1.4 लाख से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रस्तावित योजना पर सवाल खड़े किए गए थे। 
याचिकाकर्ता डेनियल जॉर्ज की ओर से पेश वकील जय देहदराई ने बेंच से अंतरिम निर्देश जारी कर सरकार को कैमरे खरीदने से रोके जाने की मांग की। उन्होंने दलील दी क्लासरूम्स में सीसीटीवी कैमरे लगवाना सही नहीं है, जहां लड़कियों समेत सभी बच्चे अक्सर एक दूसरे से व्यक्तिगत बातें करते रहते हैं। मांग ठुकराते हुए कोर्ट ने कहा कि क्लासरूम्स के अंदर कुछ निजी नहीं हो रहा और सुप्रीम कोर्ट तो कोर्ट की कार्यवाहियों तक को सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड कराने की योजना बना रहा है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हर अच्छे काम को होने से पहले कोई न कोई चुनौती दे देता है। 
दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि कैमरे से मिलने वाली फीड को पासवर्ड से प्रोटेक्ट किया जाएगा और यह सिर्फ पैरेंट्स को ही दिखाई जाएगी, किसी अजनबी को नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि कैमरों के इस्तेमाल के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर तैयार किया जाएगा और याचिकाकर्ता भी कुछ सुझाव देना चाहें तो दे सकते हैं। यह दलील इसीलिए दी गई, क्योंकि याचिकाकर्ता ने आशंका जताई थी कि बिना रेग्युलेटरी मकैनिजम के कैमरा लगाने से फुटेज का इस्तेमाल पीछा करने और छेड़छाड़ की घटनाओं को बढ़ावा मिल सकता है।

नवी मुंबई नगर निगम से आशा है जल्द से जल्द नवी मुंबई स्कूल की जाँच की जाये  ..

नवी मुंबई के  स्कूल जो अदालत की अवमानना  करे उनको नोटिस जारी करे  

Alok Shukla

Navi Mumbai