महापरिनिर्वान दिवस पर बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर को देश कर रहा है याद

स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री और संविधान निर्माता के रूप में प्रसिद्ध डॉ भीमराव अंबेडकर (BRAmbedkar) की आज पुण्यतिथि है.

स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री और संविधान निर्माता के रूप में प्रसिद्ध डॉ भीमराव अंबेडकर (BRAmbedkar) की आज पुण्यतिथि है. मध्य प्रदेश के महू में जन्म लेने वाले अंबेडकर अपने 14 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. 1897 में उनका परिवार तत्कालीन मध्य प्रांत से मुंबई चला गया, जहां आंबेडकर ने एलिफिंस्टन हाई स्कूल में प्रवेश लिया. मैट्रिक के बाद उन्होंने 1907 में एलिफिंस्टन कॉलेज में एडमिशन लिया. साल 1912 में बॉम्बे यूनिवर्सिटी से उन्होंने इकोनॉमिक्स और पॉलिटिकल साइंस में डिग्री ली. साल 1913 में बड़ोदा स्टेट स्कॉलरशिप की मदद से वे अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अध्ययन करने गए. 1915 में उन्होंने मुख्य विषय अर्थशास्त्र के साथ समाजशास्त्र, इतिहास, दर्शनशास्त्र और मानवशास्त्र के साथ एमए किया. फिर साल 1916 में ही उन्होंने एक और एमए के लिए अपनी दूसरी थिसिस 'नेशनल डिविडेंड ऑफ इंडिया-ए हिस्टोरिक एंड एनालिटिकल स्टडी' विषय पर लिख डाली. इसके बाद तीसरी थिसिस पर उन्हें 1927 में अर्थशास्त्र में पीएचडी डॉक्टोरल उपाधि मिली थी. . कोलंबिया के बाद डॉ. अंबेडकर लंदन चले गए. लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में उन्होंने 1921 में मास्टर डिग्री ली और 1923 में डीएसएसी की उपाधि ली. डबल डॉक्टरेट हो चुके आंबेडकर को साल 1952 कोलंबिया से साल 1953 में उस्मानिया से डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी गई. भारत वापस आने के बाद उन्होंने दलित अधिकारों, छूआछूत, नारी अधिकारों के लिए अंतिम समय तक लड़ते रहे. उनकी व्यापक योग्यता को देखते हुए उन्हें भारतीय संविधान की ड्राफ्टिंग कमिटी का अध्यक्ष बनाया गया था. अपने निधन से कुछ समय पहले 14 अक्टूबर 1956 को अंबेडकर ने लाखों दलित समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म अपना लिया था. 6 दिसंबर 1956 को डॉ अंबेडकर इस दुनिया से चले गए. इस दिन को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है.