सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी, नवी मुंबई के स्कूल बसों में क्यों नहीं लगे कैमरे जिम्मेदार कौन ?

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी, नवी मुंबई के स्कूल बसों में क्यों नहीं लगे कैमरे जिम्मेदार कौन ?

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी, नवी मुंबई के स्कूल बसों में क्यों नहीं लगे कैमरे जिम्मेदार कौन ?

Navi Mumbai सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी स्कूली बसों में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं. दरअसल, दिल्‍ली में हुए निर्भया कांड के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बसों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का आदेश दिया था, जिस पर राज्य सरकार ने प्रदेश के कलेक्टरों को इसका परिपालन करने का निर्देश दिया. इसके बाद भी प्रशासन व परिवहन विभाग इसके परिपालन में रुचि नहीं ले रहे हैं. 

दो साल पहले दिल्ली की बस में हुए निर्भया कांड के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यात्री बसों के साथ ही स्कूली बसों में भी सीसीटीवी टीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया था. पहले चरण में स्कूली बसों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश शासन ने जिला कलेक्टरों को दिया. शासन के स्पष्ट निर्देश के बाद भी प्रशासन व परिवहन विभाग ने इसमें कोई रुचि नहीं ली. शहर की अधिकांश स्कूल बसों में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन अब तक नहीं हो पाया है.

गौरतलब है कि बसों में होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं में आरोपियों की पहचान नहीं हो पाती थी. इससे महिला यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता था. इसकी वजह से ही बसों में सीसीटीवी कैमरा लगाना सुप्रीम कोर्ट ने अनिवार्य किया, जिसका कुछ बड़े शहरों में तो परिपालन किया गया. लेकिन अधिकांश शहरों की बसों में कोई व्यवस्था नहीं की गई.

आदेश के बाद जिला कलेक्टर ने भी आलाधिकारियों को पत्र की कापी देकर फॉलो करने का निर्देश दिया था. जिसमें आदिवासी विकास विभाग, शिक्षा विभाग, महिला बाल विकास विभाग सहित सभी कॉलेजों के प्राचार्य शामिल थे. बावजूद स्कूली बसों में सीसीटीवी कैमरा लगाने में किसी ने भी रुचि नहीं ली.

महिला पुलिसकर्मी नहीं देती दिखाई 

बढ़ती महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर अंकुश लगाने सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया. इसके तहत सार्वजनिक स्थलों पर सादे लिबास में महिला पुलिसकर्मी तैनात करने कहा था. जिसके परिपेक्ष्य में राज्य सरकार ने प्रदेश भर के कलेक्टर व एसपी सहित सभी उच्चाधिकारियों को पत्र जारी कर इसे तत्काल लागू करने का निर्देश दिया. हालांकि अब तक इसके मुताबिक ना तो सार्वजनिक स्थलों पर सादे लिबास में महिला पुलिस की ड्यूटी लगाई जा रही है और न ही बसों में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है.

स्कूल और स्कूल बस में  भी सीसीटीवी कैमरा जरुरी 

महिलाओं से छेडख़ानी सहित अभद्र व्यवहार करने वालों की पहचान के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया है. बताया जाता है कि सार्वजनिक स्थलों पर ऐसी घटनाएं अधिक होती है. खास कर रात में आवारा किस्म के लोग महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं. ऐसे लोगों की पहचान हो सके इसके लिए ऐसे स्थान जहां लोगों का आवागम ज्यादा होता है, सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश दिया गया था.

ऐसे पारित हुआ अध्यादेश

महिला उत्पीड़न को रोकने सुप्रीम कोर्ट ने एक अध्यादेश पारित किया. याचिका क्रमांक 8513/2012 में पारित किए गए प्रस्ताव के तहत सभी सार्वजनिक स्थलों पर महिला पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाए. शैक्षणिक स्थलों के प्रवेश द्वार सहित बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन, पार्क, धार्मिक पूजा स्थलों, शॉपिंग मॉल सहित ऐसे स्थल जहां लोगों की आवाजाही अधिक हो, महिला पुलिस के अलावा अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश पारित किया था.