NAVI MUMBAI : पंकजा डेवलपर्स, ए.एस. बिल्डर एलएलपी, और Capitor Infra जैसे बिल्डर्स के खिलाफ गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं . सिडको की भूमिका पर सवाल

बिना कम्प्लीशन सर्टिफिकेट के घर खरीदने पर कम कीमत पर घर मिल सकता है, जबकि कम्प्लीशन सर्टिफिकेट के बाद उन्हें बाजार दर पर ही घर लेना होगा। सिडको की भूमिका पर सवाल

NAVI MUMBAI  : पंकजा डेवलपर्स, ए.एस. बिल्डर एलएलपी, और Capitor Infra जैसे बिल्डर्स के खिलाफ गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं . सिडको की भूमिका पर सवाल

NAVI MUMBAI नेरुल 30.08.2024 : पंकजा डेवलपर्स, ए.एस. बिल्डर एलएलपी, और Capitor Infra जैसे बिल्डर्स के खिलाफ गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि ये बिल्डर्स बिना आवश्यक कम्प्लीशन सर्टिफिकेट के घर बेच रहे हैं। यह मामला न केवल खरीदारों के लिए चिंताजनक है, बल्कि सिडको (सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) और उसके अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़ा करता है।

बिना कम्प्लीशन सर्टिफिकेट के घर बेचने का मामला

सूत्रों के अनुसार, नेरुल में इन बिल्डर्स द्वारा बिना कम्प्लीशन सर्टिफिकेट के घर बेचे जा रहे हैं। जब इस बारे में बिल्डर्स से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि बिना कम्प्लीशन सर्टिफिकेट के घर खरीदने पर ग्राहकों को कम कीमत में घर मिल जाएगा, जबकि कम्प्लीशन सर्टिफिकेट के बाद उन्हें बाजार दर पर घर लेना होगा।

सिडको की भूमिका पर सवाल

यह मामला और भी पेचीदा हो जाता है जब यह सामने आता है कि सिडको अधिकारियों को इस संबंध में मीडिया द्वारा सूचना दी गई थी, लेकिन अभी तक कोई भी जवाब या कार्यवाही नहीं की गई है। क्या सिडको अधिकारी जानबूझकर इस मामले को नजरअंदाज कर रहे हैं, या फिर इसमें कोई बड़ा घोटाला छिपा है?

कम्प्लीशन सर्टिफिकेट के बिना बिक्री और RERA खाते की अनुपस्थिति

इसके अलावा, एक और महत्वपूर्ण सवाल उठता है कि बिना RERA खाते के, बिल्डर्स द्वारा लिए गए पैसे किसके खाते में जमा हो रहे हैं? इस प्रकार के लेन-देन में पारदर्शिता की कमी, खरीदारों के लिए जोखिम पैदा कर सकती है और अधिकारियों की जिम्मेदारी और भूमिका को भी संदेह के घेरे में ला सकती है।

बिल्डरों के लिए कंप्लीशन सर्टिफिकेट अनिवार्य: सुप्रीम कोर्ट 

दिल्ली : 9 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि हाउसिंग कॉम्प्लेक्स बिल्डर्स कानूनी तौर पर संरचना के लिए 'पूर्णता प्रमाण पत्र' प्राप्त करने के लिए बाध्य नहीं होंगे, भले ही फ्लैट मालिक इस आवश्यक कानूनी प्रमाणीकरण जारी होने से पहले अपने घरों पर कब्जा कर लें।

कानूनी प्रक्रिया और जवाबदेही की कमी

यह आरोप लगाया जा रहा है कि सिडको से कम्प्लीशन सर्टिफिकेट लेने के लिए भी अधिकारियों को बड़ी रिश्वत दी जाती है। सूत्रों के अनुसार, बिना रिश्वत के कोई भी काम नहीं होता है। यह स्थिति दर्शाती है कि कानून का डर खत्म हो गया है या फिर कोई बड़ा घोटाला चल रहा है, जिसमें सिडको के अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।

इस मामले पर सिडको के एम.डी. से तत्काल कार्यवाही की उम्मीद की जा रही है, ताकि बिल्डर्स द्वारा नियमों की इस खुलेआम अनदेखी को रोका जा सके और खरीदारों के हितों की रक्षा की जा सके।