69% छात्रों को आत्महत्या के चेतावनी संकेत पहचानने में असमर्थ: 30 कॉलेजों में सर्वेक्षण
Suicide warning signs that are challenging to recognize
69% छात्रों को आत्महत्या के चेतावनी संकेत पहचानने में असमर्थ: 30 कॉलेजों में सर्वेक्षण
भारत के 30 कॉलेजों में किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक, 69% युवा आत्महत्या के संकेतों को पहचानने में असमर्थ हैं, जबकि शैक्षणिक दबाव मानसिक तनाव का प्रमुख कारण बना हुआ है। यह सर्वेक्षण एमपावर (Mpower), जो कि आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट के तहत एक मानसिक स्वास्थ्य पहल है, द्वारा किया गया।
आत्महत्या के संकेतों की पहचान में कमी
सर्वेक्षण से यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि 69% छात्र आत्महत्या के खतरे के चेतावनी संकेतों को नहीं पहचान पाते। हालांकि, 31% छात्र यह बता पाए कि सामाजिक अलगाव जैसे कुछ संकेत आत्महत्या के जोखिम की ओर इशारा करते हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य संकट के प्रति जागरूकता की गंभीर कमी को दर्शाता है।
शैक्षणिक दबाव: तनाव का प्रमुख कारण
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 67.3% छात्रों ने कभी न कभी निराशा महसूस की है, और 58.4% छात्रों ने शैक्षणिक दबाव को अपने तनाव का प्रमुख कारण बताया। ये आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि शैक्षणिक संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य समर्थन की बेहद आवश्यकता है।
पेशेवर सहायता लेने में हिचक
हालांकि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े इन चिंताजनक आंकड़ों के बावजूद, केवल 15% छात्रों ने किसी पेशेवर से मदद ली। सबसे अधिक 58% छात्र मानसिक तनाव के समय अपने दोस्तों की सहायता लेना पसंद करते हैं, जबकि केवल 2% छात्र काउंसलर या प्रोफेसर से मदद मांगते हैं। यह दर्शाता है कि शैक्षणिक संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य सहायता अभी भी पर्याप्त नहीं है और इस दिशा में और प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
आत्महत्या रोकथाम के लिए लंबा रास्ता
एमपावर की संस्थापक नीरजा बिड़ला ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत सरकार ने कोटा जैसे उच्च तनाव वाले स्थानों में मनोवैज्ञानिकों को नियुक्त करके सकारात्मक कदम उठाए हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि आत्महत्या रोकथाम के लिए व्यापक और बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी वर्जनाओं को तोड़ना और मदद मांगने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करना जरूरी है।
मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन नंबर
यदि आपको या किसी और को सहायता की आवश्यकता है, तो आप नीचे दिए गए हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं:
राज्य | संगठन | हेल्पलाइन नंबर | समय |
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असम | सारथी | 104 | 24x7 |
दिल्ली | स्नेही | 011 65978181 | दैनिक (2pm-6pm) |
महाराष्ट्र | आसरा | +91 9820466726 | 24x7 |
गुजरात | साथ | +91 79 26305544 | दैनिक (1pm-7pm) |
तमिलनाडु | स्नेहा | 044-24640050 | 24x7 |
यह सर्वेक्षण स्पष्ट रूप से यह दर्शाता है कि छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक करने और शैक्षणिक संस्थानों में प्रभावी मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।