Navi Mumbai - पंकजा डेवलपर्स और ए.एस. बिल्डर एलएलपी पर कार्यवाही में CIDCO अधिकारियों की लापरवाही: गंभीर सवाल खड़े : THE PUBLIC NEWS 24

सिडको अधिकारियों की इस लापरवाही से जनता में नाराजगी और अविश्वास बढ़ता जा रहा है। अगर समय रहते इस मामले में कठोर कार्यवाही नहीं की गई, तो यह न केवल सीआईडीसीओ की साख को नुकसान पहुंचाएगा,

Navi Mumbai - पंकजा डेवलपर्स और ए.एस. बिल्डर एलएलपी पर कार्यवाही में CIDCO अधिकारियों की लापरवाही: गंभीर सवाल खड़े : THE PUBLIC NEWS 24

पंकजा डेवलपर्स और ए.एस. बिल्डर एलएलपी पर कार्यवाही में CIDCO  अधिकारियों की लापरवाही 

नवी मुंबई ( 29.08.2024 ) : नेरुल, सेक्टर 15 में स्थित ए.एस. विस्टा प्रोजेक्ट के फ्लैट्स को बिना आवश्यक कम्प्लीशन सर्टिफिकेट (सीसी) के बेचने की घटना ने गंभीर चिंता उत्पन्न की है और सीआईडीसीओ (सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) अधिकारियों की कार्यप्रणाली और ईमानदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पंकजा डेवलपर्स और ए.एस. बिल्डर एलएलपी द्वारा इस प्रोजेक्ट के फ्लैट्स को बेचे जाने के बावजूद, सीआईडीसीओ अधिकारियों द्वारा अब तक कोई कठोर कार्यवाही नहीं की गई है, जिससे जनता में नाराजगी और अविश्वास बढ़ रहा है।

सिडको अधिकारियों की विफलता: नियमों का पालन सुनिश्चित करने में लापरवाही

सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि सीआईडीसीओ अधिकारी नियमों का पालन सुनिश्चित करने में क्यों विफल हो रहे हैं? क्या वे अपनी जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी से नहीं निभा रहे हैं, जिससे आम जनता को नुकसान हो रहा है? बिना कम्प्लीशन सर्टिफिकेट के घरों की बिक्री न केवल एक गंभीर कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह फ्लैट खरीदारों के निवेश को भी खतरे में डालता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सीआईडीसीओ अधिकारी जानबूझकर इन नियमों का उल्लंघन होने दे रहे हैं, या इसमें उनकी भूमिका कुछ और है?

पैसे के लेन-देन पर सवाल: सिडको की चुप्पी क्यों?

आरोप यह भी लग रहे हैं कि CIDCO  अधिकारियों की कार्यवाही और लापरवाही सिर्फ पैसे की वसूली तक सीमित है। क्या इस प्रोजेक्ट में पंकजा डेवलपर्स और ए.एस. बिल्डर एलएलपी द्वारा किया गया कोई पैसे का बंटवारा हुआ है? जब अधिकारियों से सवाल पूछा जाता है तो उन्हें कार्यवाही करने में तालमटोल करते हुए देखा जाता है, जो इस पूरे मामले को और संदिग्ध बना देता है।

CIDCO अधिकारियों से पूछे जाने वाले सवाल:

  1. क्या बिना कम्प्लीशन सर्टिफिकेट के बिल्डर घरों को बेच सकते हैं?
    यह एक गंभीर कानून का उल्लंघन है और इसमें सीआईडीसीओ अधिकारियों की भूमिका की जांच होनी चाहिए।

  2. बिना RERA अकाउंट खोले पैसे किसके खाते में जमा हो रहे हैं?
    यह एक महत्वपूर्ण सवाल है जो इस पूरे मामले में पैसे के लेन-देन की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है।

  3. बिना कम्प्लीशन सर्टिफिकेट के घर बेचने के लिए जिम्मेदार अधिकारी कौन हैं?
    जनता को यह जानने का हक है कि आखिरकार इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन है और क्यों अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है?

  4. अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई?
    इस सवाल का जवाब अधिकारियों को देना चाहिए और इस मामले में देरी के कारणों को स्पष्ट करना चाहिए।

जनता में बढ़ती नाराजगी और अविश्वास

सिडको अधिकारियों की इस लापरवाही से जनता में नाराजगी और अविश्वास बढ़ता जा रहा है। अगर समय रहते इस मामले में कठोर कार्यवाही नहीं की गई, तो यह न केवल सीआईडीसीओ की साख को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि अन्य बिल्डरों को भी नियमों का उल्लंघन करने के लिए प्रेरित कर सकता है। जनता को पारदर्शिता, जवाबदेही और न्याय की जरूरत है, और यह सुनिश्चित करना सीआईडीसीओ अधिकारियों की जिम्मेदारी है।