विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित टॉक शो में बुजुर्गों के हितों की चर्चा

15 जून को संयुक्त राष्ट्र द्वारा 'विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस' के रूप में मान्यता दी गई है और इसे दुनिया भर में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार: "दुनिया के कई हिस्सों में बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार बहुत कम पहचाने जाने या प्रतिक्रिया के साथ होता है।

विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित टॉक शो में बुजुर्गों के हितों की चर्चा

विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा एक विशेष टॉक शो का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की सदस्य और प्रसिद्ध वकील गौरी छाबड़िया ने बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार के मामलों को सुलझाने के अपने अनुभव साझा किए। उनके साथ शीर्ष गणमान्य लोग जैसे सलाहकार निर्मला सामंत, डॉ. पोद्दार और अत्यधिक सम्मानित सर्जन डॉ. भोजराज भी मौजूद थे, जिन्होंने वरिष्ठ नागरिकों को तनाव मुक्त जीवन जीने के अपने अनुभव और मार्गदर्शन साझा किया।

गौरी छाबड़िया ने बताया कि महिला आयोग के माध्यम से बुजुर्गों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के मामलों को कैसे सुलझाया जाता है। उन्होंने कहा, "बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार एक गंभीर समस्या है और इसे रोकने के लिए हमें समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। महिला आयोग बुजुर्गों को कानूनी सहायता और मनोवैज्ञानिक समर्थन प्रदान करता है, ताकि वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकें और किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार का सामना कर सकें।"

सलाहकार निर्मला सामंत ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, "बुजुर्गों को सम्मान और प्यार की आवश्यकता होती है। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपने घरों में सुरक्षित और सम्मानित महसूस करें।" उन्होंने बुजुर्गों को विभिन्न सरकारी योजनाओं और सेवाओं के बारे में भी जानकारी दी, जो उनकी सहायता के लिए उपलब्ध हैं।

डॉ. पोद्दार ने बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य पर जोर देते हुए कहा, "तनाव और अवसाद बुजुर्गों के जीवन को प्रभावित कर सकते हैं। हमें उनके मानसिक स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए और उन्हें समाजिक और पारिवारिक समर्थन प्रदान करना चाहिए।"

अत्यधिक सम्मानित सर्जन डॉ. भोजराज ने भी अपने विचार साझा किए और कहा, "बुजुर्गों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों की आवश्यकता होती है। हमें उनके स्वास्थ्य की नियमित जांच करानी चाहिए और उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।"

इस टॉक शो का मुख्य उद्देश्य बुजुर्गों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के प्रति जागरूकता फैलाना और उन्हें एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन प्रदान करना था। कार्यक्रम के अंत में, सभी गणमान्य लोगों ने बुजुर्गों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार के अत्याचार का सामना करने पर उनसे संपर्क करें और अपनी समस्याओं को साझा करें।

इस आयोजन ने बुजुर्गों के प्रति समाज में संवेदनशीलता बढ़ाने और उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उम्मीद है कि इस तरह के कार्यक्रम आगे भी आयोजित किए जाएंगे, ताकि बुजुर्गों को एक सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन मिल सके।