THE PUBLIC NEWS 24 LIVE - 6,900 से अधिक भ्रष्टाचार के मामले लंबित, 361 मामलों की जांच 20 साल से भी अधिक समय से लंबित - CVC रिपोर्ट

सीवीसी की वार्षिक रिपोर्ट 2023 के अनुसार, कम से कम 2,100 मामले 10 साल या बीस साल से अधिक समय तक लंबित थे। जबकि 20 साल से अधिक समय से 361 मामले लंबित थे। इसमें यह भी दावा किया गया कि पिछले साल 31 दिसंबर तक 6,903 मामलों की सुनवाई लंबित थी। यह चिंता का विषय है कि 2023 के अंत में 2,461 मामले 10 से अधिक सालों से लंबित थे

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THE PUBLIC NEWS 24, श्री. आलोक शुक्ला द्वारा रिपोर्ट

नई दिल्ली: केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की ताजा रिपोर्ट ने देश में भ्रष्टाचार के मामलों की स्थिति पर एक गंभीर रोशनी डाली है। रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा जांचे जा रहे 6,900 से अधिक भ्रष्टाचार के मामले विभिन्न अदालतों में लंबित हैं, जिनमें से 361 मामले 20 साल से भी अधिक समय से लंबित हैं।

लंबित मामलों की चिंताजनक स्थिति

CVC की वार्षिक रिपोर्ट 2023 के अनुसार, कुल 6,903 मामले 31 दिसंबर, 2023 तक अदालतों में लंबित थे। इनमें से 1,379 मामले तीन साल से कम समय के लिए, 875 मामले तीन से पांच साल के बीच, और 2,188 मामले पांच से दस साल के बीच लंबित हैं। इसके अलावा, 2,100 मामले दस से बीस साल के बीच लंबित हैं, जबकि 361 मामले 20 साल से अधिक समय से लंबित हैं।

यह स्थिति देश में न्याय प्रक्रिया की धीमी गति और जांच एजेंसियों की क्षमता पर सवाल खड़े करती है। रिपोर्ट में इस बात पर चिंता व्यक्त की गई है कि 2,461 मामले 10 साल से अधिक समय से लंबित हैं, जो न्याय की देरी का प्रतीक है।

जांच प्रक्रिया में देरी

CBI की जांच के लंबित मामलों की संख्या भी चिंताजनक है। रिपोर्ट के अनुसार, 658 भ्रष्टाचार के मामलों की जांच CBI द्वारा अभी तक पूरी नहीं की गई है, जिनमें से 48 मामले पांच साल से अधिक समय से लंबित हैं। इसके अलावा, 74 मामले तीन से पांच साल के बीच, 75 मामले दो से तीन साल के बीच और 175 मामले एक से दो साल के बीच लंबित हैं।

रिपोर्ट में देरी के प्रमुख कारणों में "अत्यधिक कार्यभार", "स्टाफ की कमी", "वोल्युमिनस रिकॉर्ड्स की जांच", और "गवाहों की खोज में देरी" को बताया गया है।

CBI में स्टाफ की कमी

CBI में स्टाफ की कमी भी एक बड़ी समस्या है। रिपोर्ट के अनुसार, 31 दिसंबर, 2023 तक CBI में 7,295 की स्वीकृत संख्या के मुकाबले 1,610 पद रिक्त थे। इनमें 1,040 पद कार्यकारी श्रेणी में, 84 कानून अधिकारी, 53 तकनीकी अधिकारी, 388 मंत्री कर्मचारी, और 45 कैंटीन स्टाफ के पद शामिल हैं।

न्यायिक मामलों की स्थिति

CVC की रिपोर्ट के अनुसार, उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में CBI और आरोपियों द्वारा दायर 12,773 अपीलें/पुनर्विचार याचिकाएं लंबित हैं। इनमें से 501 याचिकाएं 20 साल से अधिक समय से, 1,138 याचिकाएं 15 से 20 साल के बीच और 2,558 याचिकाएं 10 से 15 साल के बीच लंबित हैं।

2023 की उपलब्धियां और चुनौतियाँ

2023 में CBI ने 876 नियमित मामले और प्रारंभिक जांचें दर्ज कीं। इन मामलों में 198 मामलों में घूसखोरी के लिए जाल बिछाया गया और 37 मामले अवैध संपत्ति के दर्ज किए गए। इसके अलावा, 2023 में CBI ने 873 मामलों में जांच पूरी की, जिनमें 755 नियमित मामले और 118 प्रारंभिक जांचें शामिल थीं।

हालांकि, CBI की सफलता दर पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। 2023 में CBI की सजा दर 71.47% थी, जो 2022 में 74.59% थी। साल के अंत तक, 10,959 मामले अदालतों में लंबित थे, जो देश में न्यायिक व्यवस्था की धीमी गति का संकेत हैं।

निष्कर्ष

CVC की इस रिपोर्ट ने न्यायिक व्यवस्था और जांच एजेंसियों के समक्ष गंभीर चुनौतियों को उजागर किया है। भ्रष्टाचार के मामलों की लंबित स्थिति और CBI में स्टाफ की कमी जैसी समस्याएं इस दिशा में तत्काल सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं।

सरकार और संबंधित एजेंसियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, जब उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को मजबूत बनाने और न्यायिक प्रक्रिया को तेज करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।