गणेश नाइक निर्वाचन क्षेत्र में काम नहीं करते, मुझे सीमा पार करने पर मजबूर ना करें: मंदा म्हात्रे का ज़ोरदार हमला

मंदा म्हात्रे का यह बयान राजनीतिक हलचल पैदा कर सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि गणेश नाइक इस आरोप का कैसे जवाब देते हैं।

गणेश नाइक निर्वाचन क्षेत्र में काम नहीं करते, मुझे सीमा पार करने पर मजबूर ना करें: मंदा म्हात्रे का ज़ोरदार हमला

नवी मुंबई: भाजपा विधायक मंदा म्हात्रे ने एक बार फिर वरिष्ठ नेता गणेश नाइक पर निशाना साधा है। उन्होंने गणेश नाइक पर अपने निर्वाचन क्षेत्र में काम नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि अगर उन्हें मजबूर किया गया तो वे सीमा पार कर सकती हैं।  भाजपा के ऐरोली विधायक गणेश नाइक और बेलापुर विधायक मंदा म्हात्रे के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान ने अब गंभीर रूप ले लिया है। हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंदा म्हात्रे ने गणेश नाइक पर ऐरोली विधानसभा क्षेत्र में काम नहीं करने का आरोप लगाया है और चेतावनी दी है कि यदि आवश्यक हुआ तो वह उनके क्षेत्र में हस्तक्षेप करने पर मजबूर होंगी।

मंदा म्हात्रे का ज़ोरदार हमला

मंदा म्हात्रे ने कहा, "गणेश नाइक ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में कोई महत्वपूर्ण काम नहीं किया है। जनता उनके कामकाज से नाखुश है और मैं अपने क्षेत्र की जनता की आवाज उठा रही हूं। अगर उन्हें मजबूर किया गया, तो वे दूसरी पार्टी में जा सकती हैं।"मंदा म्हात्रे ने आरोप लगाया कि गणेश नाइक ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी की है। उनके अनुसार, इलाके में सड़कें खराब हालत में हैं, पानी की आपूर्ति अनियमित है, और स्वच्छता की समस्या भी गंभीर है।

मंदा म्हात्रे के इस बयान के बाद, उनके समर्थकों ने भी गणेश नाइक के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "हम लंबे समय से इन समस्याओं का सामना कर रहे हैं। हमें उम्मीद थी कि हमारे नेता हमारी समस्याओं को हल करेंगे, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ है।"

मंदा म्हात्रे का यह बयान राजनीतिक हलचल पैदा कर सकता है 

मंदा म्हात्रे का यह बयान राजनीतिक हलचल पैदा कर सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि गणेश नाइक इस आरोप का कैसे जवाब देते हैं।मंदा म्हात्रे के इस जोरदार हमले से नवी मुंबई की राजनीति में एक नई दिशा मिल सकती है। यह विवाद आगामी चुनावों पर भी प्रभाव डाल सकता है। जनता अब यह देख रही है कि उनके नेता उनकी समस्याओं को कैसे हल करते हैं और क्या वास्तव में उनके वादे पूरे होते हैं या नहीं। 

गणेश नाइक निर्वाचन क्षेत्र में काम नहीं करते, मुझे सीमा पार करने पर मजबूर ना करें: मंदा म्हात्रे 

भाजपा के ऐरोली विधायक गणेश नाइक और बेलापुर विधायक मंदा म्हात्रे के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान अब गंभीर रूप ले चुकी है। हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंदा म्हात्रे ने गणेश नाइक पर ऐरोली विधानसभा क्षेत्र में काम नहीं करने का आरोप लगाया है और चेतावनी दी है कि अगर आवश्यकता पड़ी तो वह उनके क्षेत्र में हस्तक्षेप करने पर मजबूर होंगी। नवी मुंबई में गणेश नाइक और मंदा म्हात्रे के बीच लंबे समय से प्रतिद्वंद्विता चली आ रही है। यह तनाव तब शुरू हुआ जब गणेश नाइक ने विधानसभा चुनावों से पहले एनसीपी से भाजपा में प्रवेश किया, जिसका म्हात्रे ने कड़ा विरोध किया था।मंदा म्हात्रे ने खुलकर गणेश नाइक की आलोचना की है, कहा कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र की जरूरतों को पूरा नहीं कर रहे हैं। उनके सीधे आरोपों ने नाइक पर सभी का ध्यान केंद्रित कर दिया है, और अब सभी को नाइक के जवाब का इंतजार है। 

मंदा म्हात्रे के आरोप:

कार्य की कमी: म्हात्रे का दावा है कि नाइक ऐरोली निर्वाचन क्षेत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में विफल रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में हमला एक साहसिक कदम में, म्हात्रे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर अपनी शिकायतें व्यक्त कीं और संकेत दिया कि अगर आवश्यकता पड़ी तो वह नाईक के निर्वाचन क्षेत्र में सीधे हस्तक्षेप कर काम कराएंगी। म्हात्रे ने ऐरोली में आगरी-कोली समुदाय के लिए खाड़ी किनारे जेट्टी और अन्य सामुदायिक परियोजनाओं के निर्माण की योजनाओं की घोषणा की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर आवश्यकता पड़ी, तो वह अपने निर्वाचन क्षेत्र से परे जाकर ऐरोली के लोगों की सेवा करेंगी। 

नवी मुंबई में गणेश नाइक का वर्चस्व .......

राजनीतिक इतिहास: गणेश नाइक नवी मुंबई और ठाणे के प्रमुख राजनीतिक हस्तियों में से एक रहे हैं। शिवसेना से अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले नाईक ने 1999 में शरद पवार के नेतृत्व में एनसीपी में प्रवेश किया।

एनएमएमसी पर नियंत्रण: 1992 में नवी मुंबई महानगरपालिका (एनएमएमसी) की स्थापना के बाद से नाईक का शहर के प्रशासन पर महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है।

भाजपा में प्रवेश: 2014 के लोकसभा चुनावों में मंदा म्हात्रे से हारने के बावजूद, नाईक ने भाजपा में शामिल होकर 2019 के विधानसभा चुनावों में ऐरोली निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की।

पार्टी में तनाव: म्हात्रे और नाईक के बीच चल रहे संघर्ष ने भाजपा में आंतरिक कलह को जन्म दिया है, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं की क्षमता प्रभावित हो रही है और वे जनता की सेवा करने में असमर्थ हो रहे हैं।

जनता पर प्रभाव: यह संघर्ष न केवल एक राजनीतिक तमाशा है, बल्कि इनके संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों के विकास और शासन को भी प्रभावित कर रहा है।

भाजपा कार्यकर्ताओं की स्थिति

नवी मुंबई बीजेपी की आंतरिक राजनीतिक लड़ाई ने कार्यकर्ताओं को असमंजस में डाल दिया है। कार्यकर्ताओं का सवाल है कि इस लड़ाई का फायदा किसे हो रहा है और वे किसके पास जाएं। इस संघर्ष ने पार्टी के भीतर अनुशासन और एकता को कमजोर किया है।

गणेश नाइक और मंदा म्हात्रे के बीच बढ़ता संघर्ष भाजपा के आंतरिक मुद्दों को सार्वजनिक दृष्टि में लाया है। जैसे ही म्हात्रे ने नाइक पर निष्क्रियता का आरोप लगाया है, पार्टी को आंतरिक गतिशीलता को संभालने और नवी मुंबई के लोगों के लिए प्रभावी शासन सुनिश्चित करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इस चल रहे राजनीतिक सागा में अगले कदम निर्धारित करने के लिए गणेश नाईक की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होगी।

बीजेपी कार्यकर्ता असमंजस में हैं कि इस संघर्ष का लाभ कौन उठा रहा है और वे अपनी समस्याओं के समाधान के लिए किसके पास जाएं। पार्टी के आंतरिक संघर्ष ने न केवल कार्यकर्ताओं को विभाजित किया है, बल्कि जनता की भलाई के कार्यों में भी बाधा डाली है। अब यह देखना बाकी है कि पार्टी नेतृत्व इस स्थिति को कैसे संभालता है और किस तरह से यह सुनिश्चित करता है कि जनता के हितों की रक्षा हो सके। गणेश नाइक और मंदा म्हात्रे के बीच बढ़ता संघर्ष भाजपा के आंतरिक मुद्दों को सार्वजनिक दृष्टि में लाया है। जैसे ही म्हात्रे ने नाइक पर निष्क्रियता का आरोप लगाया है, पार्टी को आंतरिक गतिशीलता को संभालने और नवी मुंबई के लोगों के लिए प्रभावी शासन सुनिश्चित करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इस चल रहे राजनीतिक सागा में अगले कदम निर्धारित करने के लिए गणेश नाईक की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होगी।