पालघर जिले में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए बनेगा एक अलग श्मशान घाट

पालघर जिला प्रशासन ने एक अनूठा उदाहरण सेट करते हुए ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक अलग श्मशान घाट बनाने का निर्णय लिया है। बता दें कि राज्य के कई शहरों में इस कम्युनिटी द्वारा अलग श्मशान घाट बनाने की मांग चल रही थी, जिसे सबसे पहले पालघर जिला प्रशासन ने माना है।

पालघर जिले में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए बनेगा एक अलग श्मशान घाट

पालघर जिला प्रशासन ने एक अनूठा उदाहरण सेट करते हुए ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक अलग श्मशान घाट बनाने का निर्णय लिया है। बता दें कि राज्य के कई शहरों में इस कम्युनिटी द्वारा अलग श्मशान घाट बनाने की मांग चल रही थी, जिसे सबसे पहले पालघर जिला प्रशासन ने माना है।

कलेक्टर डॉ माणिक गुरसाल ने अपनी टीम से ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक स्वतंत्र श्मशान के लिए जमीन खोजने और इसके निर्माण की तैयारी करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि इस समुदाय से जुड़े लोगों को किसी तरह की समस्या न हो इसलिए हमने यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय को समाज में दूसरों से अलग नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि उन्हें कई सरकारी योजनाओं में अपेक्षित लाभ दिया जाएगा।

ट्रांसजेंडर को मिलेंगे अलग पहचान पत्र
गुरसाल ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय को उचित लाभ मिल सके, इसके लिए जल्द ही उन्हें एक पहचान पत्र जारी किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। उप-विभागीय अधिकारी असीमा मित्तल ने कहा कि उन्होंने हाल ही में जिले के दहानू तालुका में 30 ट्रांसजेंडर लोगों को पहचान पत्र दिए हैं, जिले में 100 से अधिक ट्रांसजेंडर हैं और जल्द ही उन सभी को आईडी कार्ड दिए जाएंगे।

फ्री में ट्रांसजेंडर समुदाय को कानूनी सहायत देने का निर्णय
राज्य के पहले ट्रांसजेंडर वकील पवन यादव (30) ने इस समुदाय को मुफ्त कानूनी सहायता देने की कसम खाई है। यादव मुंबई के गोरेगांव में माता-पिता के साथ रहते हैं। इससे पहले 2018 में सत्यश्री शर्मिला भारत की पहली ट्रांसजेंडर वकील थीं।