इरेडा ने वित्त वर्ष 2021-22 में ऐतिहासिक वित्तीय प्रदर्शन किया |

इरेडा का मुनाफा 83 फीसदी उछलकर अब तक के सबसे उच्चतम स्तर 634 करोड़ रुपये पर पहुंचा |

इरेडा ने वित्त वर्ष 2021-22 में ऐतिहासिक वित्तीय प्रदर्शन किया |

इरेडा ने वित्त वर्ष 2021-22 में ऐतिहासिक वित्तीय प्रदर्शन किया |

इरेडा का मुनाफा 83 फीसदी उछलकर अब तक के सबसे उच्चतम स्तर 634 करोड़ रुपये पर पहुंचा |

इरेडा ने लोन स्वीकृति और लोन बांटने में क्रमश: 117% और 82% की रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की |

भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) ने वित्त वर्ष 2021-22 में शानदार वित्तीय प्रदर्शन किया है। कंपनी ने टैक्स चुकाने के बाद अब तक सर्वकालिक उच्च सालाना लाभ (पैट) 634 करोड़ रुपये दर्ज किया है। वहीं, कर चुकाने से पहले का लाभ (पीबीटी) 834 करोड़ रुपये रहा है। कंपनी ने यह बेहतरीन प्रदर्शन कोविड महामारी की दूसरी और तीसरी लहर के बीच में हासिल किया है। वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में कंपनी की पैट और पीबीटी में क्रमशः 82.88% और 46.41% की भारी वृद्धि हुई है।

इरेडा के निदेशक मंडल ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कंपनी के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना करते हुए आज आयोजित बैठक में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ऑडिट किए हुए वित्तीय परिणामों को मंजूरी दी।

भारत सरकार के एमएनआरई के तहत एक एनबीएफसी इरेडा की लोन बुक 31 मार्च 2021 के 27,854 करोड़ रुपये की तुलना में 31 मार्च 2022 तक बढ़कर 33,931 करोड़ रुपये (21.82% की वृद्धि दर्ज करते हुए) हो गई। कंपनी ने अब तक का सर्वाधिक 23,921 करोड़ रुपये का लोन स्वीकृत किया है, जबकि, पिछले वित्त वर्ष में इरेडा ने 11,001 करोड़ रुपये का लोन स्वीकृत किया था। यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 117.44% की वृद्धि है।

कंपनी ने अपने इतिहास में सबसे अधिक 16,071 करोड़ रुपये का लोन संवितरण किया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 82% की रिकॉर्ड वृद्धि है। 31 मार्च 2022 तक कंपनी की कुल संपत्ति बढ़कर 5,268 करोड़ रुपये हो गई जो 31 मार्च 2021 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में 2,995 करोड़ (75.89% की वृद्धि) थी। इसमें भारत सरकार द्वारा 28 मार्च 2022 को 1,500 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश शामिल है।

वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वार्षिक वित्तीय हाइलाइट इस प्रकार हैं:

  • कर पूर्व लाभ: - 570 करोड़ रुपये के मुकाबले 834 करोड़ रुपये। यानी 46.41% की वृद्धि।
  • कर पश्चात लाभ: 346 करोड़ रुपये के मुकाबले 634 करोड़ रुपये। यानी 82.88% की वृद्धि।
  • लोन स्वीकृति: 11,001 करोड़ रुपये के मुकाबले 23,921 करोड़ रुपये। यानी 117.44% की वृद्धि।
  • लोन वितरण8,827 करोड़ रुपये के मुकाबले 16,071 करोड़ रुपये। यानी 82.06% की वृद्धि।
  • लोन बुक: 27,854 करोड़ रुपये के मुकाबले  33,931 करोड़ रुपये। यानी 21.82% की वृद्धि।
  • नेट-वर्थ2,995 करोड़ रुपये के मुकाबले 5,268 करोड़ रुपये। यानी 75.89% की वृद्धि।
  • नेट एनपीए5.61% के मुकाबले 3.12%। यानी 44.39% की कमी।

इस अवसर पर, श्री प्रदीप कुमार दास, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, इरेडा ने इरेडा को लगातार मार्गदर्शन करने और विशेष रूप से प्रतीक्षित इक्विटी इन्फ्यूजन को साकार करने के लिए हर मोड़ पर अपना समर्थन देने के लिए पीएमओ, एमएनआरई, एमओएफ के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। उन्होंने श्री आर के सिंह, माननीय केंद्रीय विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री और श्री भगवंत खुबा, माननीय राज्य मंत्री, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा को उनके निरंतर मार्गदर्शन और सहूलियत देने के लिए कृतज्ञता व्यक्त की। श्री दास ने सचिव, एमएनआरई, एमएनआरई के वरिष्ठ अधिकारियों और इरेडा के निदेशक मंडल से मिल रहे निरंतर समर्थन के लिए कंपनी का आभार भी दर्ज किया।

श्री दास ने आगे उल्लेख किया कि सांविधिक लेखा परीक्षकों, आरबीआई और अन्य हितधारकों के नियमित सहयोग और समर्थन के बिना उल्लेखनीय उपलब्धि संभव नहीं होती। श्री दास ने इरेडा के कर्मचारियों की उनकी प्रतिबद्धता और अथक प्रयासों के लिए उनकी समर्पित टीम की सराहना की, जिससे शानदार परिणाम संभव हुए। उन्होंने यह भी दोहराया कि, "इरेडा पारदर्शिता, सुशासन और एक सक्रिय दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इरेडा के संचालन में संपूर्ण वैल्यू चेन खुश है और गर्व से 'वन्स इरेडा, ऑलवेज इरेडा' की भावना को बनाए रखती है।"