रायगढ़ जिले में जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ट्राईफुड पार्क की शुरुआत: Union Minister of State Renuka Singh

Renuka Singh(Union Minister of State for Tribal Affairs) मुंबई प्रवास के दौरान आज जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित, फोर्ट स्थित @tribesindia की दुकान का निरीक्षण कर कर्मियों से चर्चा की

रायगढ़ जिले में जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ट्राईफुड पार्क की शुरुआत: Union Minister of State Renuka Singh
रायगढ़ जिले में जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ट्राईफुड पार्क की शुरुआत: Union Minister of State Renuka Singh

रायगढ़ जिले में जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ट्राईफुड पार्क की शुरुआत: Union Minister of State (Renuka Singh)

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ट्राईफुड पार्क की शुरुआत की जा रही है। ट्राईफुड पार्क शुरू होने से सैकड़ों आदिवासी हाथों को काम मिलेगा कल महाराष्ट्र प्रवास के दौरान पार्क का निरीक्षण कर जल्द कार्य पूरा करने का आदेश दिया।

Renuka Singh  (Union Minister of State for Tribal Affairs) मुंबई प्रवास  

Renuukaa Sinngh (Union Minister of State for Tribal Affairs) मुंबई प्रवास के दौरान आज  जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित, फोर्ट स्थित tribesindia  की दुकान

का निरीक्षण कर कर्मियों से चर्चा की और दुकान की इंचार्ज ममता रथ, श्री शिवा एवं श्री एम के पांड्या ने खरीदी/बिक्री संबंधित जानकारी ली। 


 

मिनिस्टर Renuukaa Sinngh तीन बड़ी योजनाओं का क्रियावन जनजातीय कार्य मंत्रालय के द्वारा किया जा रहा है ,मिनिस्टर Renuukaa Sinngh की भूमिका सरहानीय है। 

1.आजीविका


2.Flag of India ब्रांड जनजाति भारत


3.Schoolएकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस)

ट्राइब्स इंडिया एक छत के नीचे भारत भर के आदिवासी समुदायों द्वारा अद्वितीय हस्तशिल्प उत्पादों को लाता है।

ट्राइफेड 177 संभावित जनजातीय उत्पादों के लिए जीआई टैग प्राप्त करने की दिशा में कार्य कर रहा है भारतीय उच्चायोग में वैश्विक पहल के एक हिस्से के रूप में 'आत्मनिर्भर भारत' कॉर्नर स्थापित किया जा रहा है

मुख्य बातें:

  • 300 से अधिक पंजीकृत भारतीय जीआई में जनजातीय मूल/भागीदारी को देखते हुए ट्राइफेड 56 जीआई टैग किए गए उत्पादों का विपणन करता है।
  • पद्मश्री डॉ. रजनीकांत द्विवेदी के मार्गदर्शन में 21 संभावित उत्पादों का जीआई पंजीकरण पहले ही शुरू किया जा चुका है। इससे ट्राइफेड द्वारा विपणन किए जाने वाले जीआई उत्पादों की संख्या अब बढ़कर 77 हो जाएगी।
  • ट्राइफेड का उद्देश्य विदेश मंत्रालय के सहयोग से समृद्ध जनजातीय संस्कृति और विरासत को भारतीय वाणिज्य दूतावासों के माध्यम से वैश्विक मंचों पर बढ़ावा देना है।

ट्राइफेड द्वारा शुरू की गई जीआई पहल का उद्देश्य अधिक आकर्षक उत्पादों का उत्पादन करते हुए भारतीय जनजातीय लोगों की पारंपरिक महारत को संरक्षित करना और पुनर्जीवित करना है। ट्राइफेड विशिष्ट भौगोलिक विशेषताओं के साथ कृषि, प्राकृतिक या विनिर्मित वस्तुओं को बढ़ावा देने और संरक्षण देने के महत्व को अनुभव करते हुए जीआई टैग वाले जनजातीय मूल या स्रोत के उत्पादों के विपणन के माध्यम से बड़े पैमाने पर काम कर रहा है ताकि अतुल्य भारत के अमूल्य खजाने के संरक्षण में योगदान दिया जा सके।

उच्चायोगों में ट्राइफेड के सहयोग से एक वैश्विक पहल के हिस्से के रूप में 'आत्मनिर्भर भारत' कॉर्नर स्थापित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य सदियों से जनजातीय समुदायों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को बढ़ावा देना है।

ट्राइफेड के जीआई उपाय और विदेशों में भारतीय मिशनों में आत्मनिर्भर कॉर्नर की स्थापना का उद्देश्य इस प्रकार है-

  1. मूल उत्पादकों के साथ-साथ उनके उत्पादों के हितों की भी रक्षा करना और यह सुनिश्चित करना कि उत्पादक को अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बाजार परिदृश्य में उनके उत्तम माल के लिए अधिक से अधिक मूल्य प्राप्त हो।

2. स्वदेशी उत्पादों की भारत और वैश्विक बाजार में मान्यता सुनिश्चित करना।

3. जनजातीय विशिष्ट भौगोलिक स्थिति से विलुप्त हो रही कला और शिल्प को पुनर्जीवित करना।

वर्तमान में ट्राइफेड अपने अच्छी तरह स्थापित 141 ट्राइब्स इंडिया खुदरा बिक्री केंद्रों के नेटवर्क और विभिन्न ई-कॉमर्स मंचों के माध्यम से 300 से अधिक पंजीकृत भारतीय जीआई में से जनजातीय मूल/भागीदारी को देखते हुए 56 जीआई टैग वाले उत्पादों का विपणन करता है। इसने अब तक 94 कारीगरों को अधिकृत यूजर-शिप प्रदान की है और यह निकट भविष्य में 500 अधिकृत यूजर्स बेस बनाने के लिए प्रयासरत है।

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56 जीआई उत्पादों के विपणन के अलावा ट्राइफेड उन 177 संभावित उत्पादों के लिए जीआई टैक प्राप्त करने के लिए भी काम कर रहा है, जिनकी पूरे देश में यानि पूर्वोत्तर (88), उत्तराखंड(14), झारखंड(11), मध्य प्रदेश(11), महाराष्ट्र(10), ओडिशा(6), पश्चिम बंगाल(9), गुजरात(7), छत्तीसगढ़(7), आंध्र प्रदेश(4), राजस्थान(4), दक्षिण (3) और उत्तर (3) में स्थित  हमारे क्षेत्रीय कार्यालयों के संचालन क्षेत्रों के तहत पहचान की गई है।

इसके साथ ही, पद्मश्री डॉ. रजनीकांत द्विवेदी के मार्गदर्शन में गुजरात, असम, उत्तराखंड और झारखंड राज्यों के 21 संभावित उत्पादों का जीआई पंजीकरण पहले ही शुरू किया जा चुका है। इससे ट्राइफेड द्वारा विपणन किए जाने वाले जीआई उत्पादों की संख्या बढ़कर 77 जीआई हो जाएगी। ये उत्पाद इस पैनल में शामिल जनजातीय आपूर्तिकर्ताओं से प्राप्त होते हैं। जीआई पहल के तहत की गई गतिविधियां "वोकल फॉर लोकल" के अनुरूप हैं और इसका उद्देश्य भारत@75 आज़ादी का अमृत महोत्सव के निर्धारित विजन के अनुसार प्रधानमंत्री के स्पष्ट आह्वान के आधार पर "आत्मनिर्भर भारत" का निर्माण करना है।

जीआई पहल को मजबूत बनाने की समग्रता

ट्राइफेड-पीएमओ-एलबीएसएनएए

ट्राइफेड ने जनजातीय मूल के जीआई को बढ़ावा देने और उनका विपणन करने के साथ-साथ उनका ऐसे ब्रांडों में परिवर्तित करने के लिए जो जनजातीय कारीगरों के सशक्तिकरण का प्रतीक है, प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ भागीदारी की है। एलबीएसएनएए, संस्कृति मंत्रालय और वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से एक समर्पित कार्यक्रम जीआई महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य प्रशिक्षु अधिकारियों को संवेदनशील बनाना था, जो उनके क्षेत्र में जीआई उत्पादों के हितों की रक्षा करने वाली नीतियों को प्रशासनिक स्तर पर समर्थन देगा और नीतियों के निर्माण को सुनिश्चित करेगा।

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ट्राइफेड-नाबार्ड

ट्राइफेड और नाबार्ड ने अपने पास उपलब्ध संसाधनों को साझा करते हुए जीआई पहल को गति और शक्ति प्रदान करने के उद्देश्य से आपस में सहयोग किया है। इस साझेदारी का उद्देश्य जीआई टैग किए गए उत्पादों के एफपीओ/पीओ के विकास, जनजातीय कारीगरों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, जीआई उत्पादों के प्रचार के लिए प्रदर्शनियों का आयोजन जैसी कई गतिविधियों को उपलब्ध कराना है।

ट्राइफेड-विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय का सहयोग लेने में ट्राइफेड का  उद्देश्य विदेशों में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावासों के माध्यम से समृद्ध जनजातीय संस्कृति और इसकी विरासत को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देना है। इन दोनों भागीदारों द्वारा उपहार देने और अन्य उद्देश्यों के लिए इस संकल्प का अनुभव किया जा रहा है कि आदिवासी मूल के विरासत वाले जीआई उत्पादों की पहचान की जाए। इसके अलावा, ट्राइफेड ने विभिन्न आकर्षक उत्पादों के साथ जनजातीय जीआई उत्पादों को बढ़ावा देने और उनका विपणन करने के लिए ओटावा, कुवैत, बैंकॉक और क्रोएशिया में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में आत्मनिर्भर कॉर्नर की सफलतापूर्वक स्थापना की है।

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