मध्यप्रदेश के जबलपुर में  ‘मध्य प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के समावेशी विकास के लिए भागीदारी’ विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन।

आज जबलपुर में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

मध्यप्रदेश के जबलपुर में  ‘मध्य प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के समावेशी विकास के लिए भागीदारी’ विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन।

मध्यप्रदेश के जबलपुर में  ‘मध्य प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के समावेशी विकास के लिए भागीदारी’ विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन।

आज जबलपुर में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

इस कार्यक्रम का आयोजन, इन्वेस्ट इंडिया व एनआईएफ़टीईएम कुंडली द्वारा किया गया। यह एकदिवसीय कार्यशाला मध्यप्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के समावेशी विकास के लिए भागीदारी' विषय पर आधारित था, जिसका एकमात्र उद्देश्य मध्यप्रदेश राज्य में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में सुनहरे भविष्य और इस क्षेत्र में युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसरों की संभावनाओं को उजागर करना था।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री प्रहलाद सिंह पटेल (केंद्रीय राज्य मंत्री, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग व जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार) शामिल  हुए और दीप प्रज्वलन कर इस कार्यशाला का शुभारम्भ भी किया। मध्यप्रदेश के एमएसएमई मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा जी व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

 

श्री प्रहलाद सिंह पटेल जी ने अपने संबोधन में पीएलआई जैसी बहुआयामी योजना के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से भारतीय ब्रांड विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना पाएँगे इसके साथ ही उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की सबसे सफल योजना है, जिसके माध्यम से प्रसंस्करण क्षेत्र को मज़बूती मिल रही है।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए श्री पटेल ने कहा कि देश के 2 लाख लघु उद्यमियों को 5 साल के भीतर 10 हज़ार करोड़ रुपये की सहायता के माध्यम से हम उसे अपग्रेड करना चाहते हैं ताकि फ़ूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में हम उच्चस्तर पर पहुँच जाए।

राज्य मंत्री   ने कहा कि विश्व ने भारतीय खानपान को पसंद किया जाता है, उनकी चुनौतियों पहचानते हुए, हम अपने कामकाज को तेज़ी से आगे बढ़ाएँ, यह कार्यशाला उसका एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। 

कार्यशाला का दूसरा सत्र खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के तकनीकी पक्ष के नाम रहा। इस सत्र में डॉ प्रभात के. नेमा, डीन रिसर्च, निफ्टेम, कुंडली द्वारा मध्य प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र और खाद्य प्रोसेसर/उद्यमियों की क्षमता निर्माण पर एक महत्वपूर्ण प्रस्तुति दी गयी। इस दौरान उन्होंने विभिन्न उत्पादों और ODOP उत्पादों पर अपनी बात रखी साथ ही खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले शिक्षण संस्थान एनआईएफ़टीईएम के तहत दी जाने वाली तकनीक सहायता व प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में विस्तार से अपनी बात रखी।

इसके उपरांत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना पर इन्वेस्ट इंडिया समूह द्वारा एक प्रस्तुति दी गयी, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना की विभिन्न उपयोजना पर मंत्रालय द्वारा दिए जाने वाली आर्थिक सहायता और प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश आधारित बिंदुओं पर अपनी बात रखी।

तकनीकी सत्र में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत शुरू की गयी पीएमएफएमई की वर्तमान स्थिति पर एमपी राज्य कृषि विकास निगम द्वारा भी एक विशेष प्रस्तुति दी गयी।

कार्यशाला के अंतिम भाग में निवेशकों/उद्यमियों/एफपीओ और कार्यशाला में शामिल हुए प्रतिभागियों के साथ, प्रश्न उत्तर सत्र का आयोजन किया गया जिसमें एमओएफपीआई अधिकारी निफ्टेम, कुंडली,पीएमएफएमई प्रभाग, इन्वेस्ट इंडिया, नाबार्ड / वित्तीय संस्थान / बैंक, एमओएफपीआई पीएमए, एमपीआईडीस के अधिकारियों ने उनके सवालों का जवाब दिया।