कोर्ट के निर्देशानुसार नगर पालिका ने नेरुल में दो अनधिकृत इमारतों पर पालिका का कार्यवाही

कोर्ट के निर्देशानुसार नगर पालिका ने नेरुल में दो अनधिकृत इमारतों पर पालिका का कार्यवाही

नेरुल के अवैध इमारत को पालिका ने किया सील 

नवी मुंबई। नेरुल डिविजन अधिकारी ने नेरुल पर कब्ज़ा कर लिया और सबसे पहले उसी इमारत पर कार्रवाई की जो कई वर्षों से रुकी हुई थी और यह दिखा दिया कि नेरुल डिविजन में ऐसी अनधिकृत इमारतें फिर से नहीं बनाई जाएंगी, इसलिए उन्होंने तीन के लिए एक ही इमारत का मामला उठाया। दिन और इसे तय किया. समझौते के बाद नेरुल विभाग में चर्चा हुई कि अब दूसरे काम हाथ में ले लिए गए हैं.
नवी मुंबई नगर निगम अतिक्रमण विभाग ने नेरुल में अनधिकृत इमारतों त्रिमूर्ति पार्क और कृष्णा कॉम्प्लेक्स को खाली करने का आदेश उच्च न्यायालय द्वारा दिया था, लेकिन विभाग के किसी भी अधिकारी ने इमारत खाली करने की हिम्मत नहीं की, लेकिन विभाग के तेजतर्रार अधिकारी अमोल पालवे ने जैसे ही काम शुरू किया उन्होंने कब्जा कर लिया और इमारत का 100 फीसदी हिस्सा खाली करा लिया गया. आदेश का पालन करते हुए उप अतिक्रमण आयुक्त राहुल गेठे के नेतृत्व में इन दोनों इमारतों को पूरी तरह से खाली करा लिया गया.  उद्यान के लिए आरक्षित भूखंड पर पांच मंजिला कृष्णा कॉम्प्लेक्स और छह मंजिला त्रिमूर्ति पार्क अवैध रूप से बनाया गया था। अब कोर्ट के निर्देशानुसार इमारतों को हटा दिया गया है और मकानों को सील कर दिया गया है और जल्द ही इन इमारतों को जमींदोज कर दिया जाएगा......

नेरूल सेक्टर 16ए प्लॉट नंबर 149 पर अवैध रूप से बने त्रिमूर्ति पार्क और कृष्णा कॉम्प्लेक्स पर मंगलवार को नवी मुंबई मनपा अतिक्रमण विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए सील कर दी गई। इसके साथ ही इमारत को खाली करा दी गई है। जिसमे  कृष्णा कॉम्प्लेक्स के 60 फ्लैटों में से 30 फ्लैटों को सील कर दिया गया और त्रिमूर्ति पार्क के 96 फ्लैटों में से 25 फ्लैटों और 2 दुकानों को सील कर दिया गया। शेष फ्लैटों को सील करने का कार्य  बुधवार को किया जाएगा। यह भी अपील की गई कि कोई भी अनाधिकृत भवन में फ्लैट खरीदने से पहले खरीद-फरोख्त न करे और क्योंकि उक्त भवन अनाधिकृत है। वही इस कारवाई को लेकर इमारत के नागरिकों ने तीव्र नाराजगी जताई है। नागरिकों का आरोप है कि लगभग 15 साल पहले बने इस इमारत पर पहले कार्रवाई नहीं की गई और ना ही इमारत के बाहर अवैध निर्माण का बोर्ड लगाया गया। जिसके कारण नागरिकों को इसकी जानकारी नहीं हुई इसके लिए उस समय के अधिकारीयो के मिली भगत से इस अवैध निर्माण को किया गया। जिसका खामियाजा आज नागरिकों को उठान पड़ रहा है।