कृषि बिल वापस होने में क्या बोले नवी मुंबई भा.ज.प युवा नेता और समाजसेवक : विजय वाळुंज

करीब एक साल तक किसानों ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन किया और आज गुरुनानक जयंती पर पीएम मोदी ने इसे रद्द करने का ऐलान कर दिया है. पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम पर संबोधन में कहा कि इस महीने के अंत में संसद सत्र के दौरान इसकी संवैधानिक प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का आंदोलन जारी रहेगा, जब तक संसद से इसे रद्द करने की मंजूरी नहीं मिल जाती है. वहीं पीएम मोदी के इस ऐलान पर विपक्षी पार्टियों की टिप्पणियां भी आई हैं.

विपक्ष ने कहा- चुनाव में हार के डर से तीनों कृषि कानून हुए रद्द, कांग्रेस ने मोदी सरकार से पूछे पांच सवाल

1)कृषी बिल वापस लिया क्यूँ की इसमे पोलिटिकल पार्टी ने पॉलिटिक्स किया
2)किसानो को हम मतलब भारतीय जनता पार्टी इस बिल के फायदे समजा नाही पायी
3)और आणे वाले कुछ इलेक्शन की भी वजह से वापस लिया
4)किसान भाई को नाराज नाही करना चाहते ठे इसलीये वापस लिया और इसके फायदे समजाने की कोशीष की लेकिन समजा नही पये
5)नवी मुंबई कॉर्पोरेशन इलेक्शन जो लेट हो रहे है इसके पिछे पोलिटिक्स है क्यू की अगर पुरे देश मैं और महाराष्ट्र मे अलग अलग जगह पे इलेक्शन हो रहे और नवी मुंबई नहीं मतलब पॉलिटिक्स हो रहा है

करीब एक साल तक किसानों ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन किया और आज गुरुनानक जयंती पर पीएम मोदी ने इसे रद्द करने का ऐलान कर दिया है. पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम पर संबोधन में कहा कि इस महीने के अंत में संसद सत्र के दौरान इसकी संवैधानिक प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का आंदोलन जारी रहेगा, जब तक संसद से इसे रद्द करने की मंजूरी नहीं मिल जाती है. वहीं पीएम मोदी के इस ऐलान पर विपक्षी पार्टियों की टिप्पणियां भी आई हैं.

प्रदर्शनकारियों के आगे झुकी केंद्र सरकार, पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का किया ऐलान, लेकिन किसानों का आंदोलन जारी

कांग्रेस ने मोदी सरकार से पूछ पांच सवाल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे किसानों के सत्याग्रह की जीत बताया तो विपेक्ष के अधिकतर नेताओं ने इसे चुनाव के दबाव में लिया गया फैसला बताया है. कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसे चुनाव में हार के डर से लिया गया फैसला बताते हुए पांच सवालों के जवाब मोदी सरकार से मांगे हैं.

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खाद, बीज, कीटनाशक और ट्रैक्टर्स समेत कृषि सामानों पर जीएसटी को हटाया कब जाएगा?
किसानों के कर्ज माफी को लेकर क्या योजना है?
इसके अलावा कांग्रेस ने मोदी सरकार को एक साल तक चले किसान आंदोलन के दौैरान मृत किसानों के परिजानों से माफी मांगने को कहा है.

तीनों कृषि कानून पर पोलिस्टिक्स क्यों सरकार चुनाव के डर से बिल वापस लिया कांग्रेस का बड़ा आरोप। 

किसानो को बिल का फायदा नहीं समझा सकी 
तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर देश भर में किसान पिछले एक साल से ज़्यादा वक़्त से विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे.
हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए. कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि क़ानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया. किसानों की स्थिति को सुधारने के इसी महाअभियान में देश में तीन कृषि क़ानून लाए गए थे

''मक़सद ये था कि देश के किसानों को, ख़ासकर छोटे किसानों को और ताक़त मिले, उन्हें अपनी उपज की सही क़ीमत और उपज बेचने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा विकल्प मिले. बरसों से ये मांग देश के किसान, देश के कृषि विशेषज्ञ, देश के किसान संगठन लगातार कर रहे थे.''

'एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए, ऐसे सभी विषयों पर, भविष्य को ध्यान में रखते हुए, निर्णय लेने के लिए, एक कमिटी का गठन किया जाएगा. इस कमिटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि होंगे, किसान होंगे, कृषि वैज्ञानिक होंगे, कृषि अर्थशास्त्री होंगे.''

 ''आज ही सरकार ने कृषि क्षेत्र से जुड़ा एक और अहम फ़ैसला लिया है. ज़ीरो बजट खेती यानी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, देश की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर क्रॉप पैटर्न को वैज्ञानिक तरीक़े से बदलने के लिए, एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए, ऐसे सभी विषयों पर, भविष्य को ध्यान में रखते हुए, निर्णय लेने के लिए, एक कमिटी का गठन किया जाएगा.'

विजय वाळुंज 
भा ज पा युवा नेता नवी मुंबई और समाजसेवक