Anna Sebastian Perayil Death Case:‘ दिन में 18 घंटे काम, आधी रात को फोन…’ पूर्व EY कर्मचारी ने बताई वर्क कल्चर की डरावनी कहानीबड़ी कंपनियों का ‘जहरीला’ वर्क कल्चर
जिससे चार प्रमुख कंपनियों की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं, जिनमें EY, Deloitte, PwC और KPMG शामिल हैं।
EY कर्मचारी की मौत ने उजागर किया ‘जहरीला’ वर्क कल्चर: देर तक काम और जरूरत से ज्यादा दबाव
Anna Sebastian Perayil Death Case: पुणे में Ernst & Young (EY) में चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की मौत ने बड़ी कंपनियों के 'जहरीले' वर्क कल्चर पर बहस छेड़ दी है। जुलाई में हुए इस हादसे के बाद सोशल मीडिया पर लंबे समय तक काम करने और अत्यधिक दबाव के खिलाफ नाराजगी फैल रही है। श्रम मंत्रालय ने मामले की जांच की बात कही है, जिससे चार प्रमुख कंपनियों की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं, जिनमें EY, Deloitte, PwC और KPMG शामिल हैं।
मां के लेटर ने उठाए सवाल
अन्ना की मां अनीता ऑगस्टीन का एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें उन्होंने अपनी बेटी की मौत के लिए कंपनी के वर्किंग कल्चर और अत्यधिक दबाव को जिम्मेदार ठहराया है। अन्ना की मां ने अर्न्स्ट एंड यंग इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी से अपील की है कि वे अपनी कंपनी के वर्क कल्चर में सुधार करें। उन्होंने यह भी दुख जाहिर किया कि उनकी बेटी के अंतिम संस्कार में कंपनी का कोई प्रतिनिधि नहीं आया। इस लेटर ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया है, जिससे बड़ी कंपनियों में व्याप्त शोषणकारी माहौल की चर्चा तेज हो गई है।
सीए अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की मौत का मामला एक बार फिर गरमा गया है। जुलाई के मामले में लगातार अब सोशल मीडिया पर वर्किंग कंपनियों की कार्यशैली को लेकर बहस तेज हो गई है। इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।CA Anna Sebastian Perayil Death Case: पुणे में Ernst & Young (EY) में जॉब मिलने के 4 महीने बाद 26 साल की चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की मौत ने चार कंपनियों की कुख्यात कार्यशैली के रहस्य उजागर किए हैं। श्रम मंत्रालय ने मामले की जांच की बात कही है। कथित तौर पर काम के दबाव में लड़की की जान गई है। मामला जुलाई का है, लेकिन जिन चार कंपनियों का जिक्र अब हो रहा है, उनमें डेलोइट, PwC, KPMG और EY शामिल हैं। अर्न्स्ट एंड यंग (EY) इंडिया बड़ी वैश्विक लेखा फर्म मानी जाती है। अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की मां का एक लेटर भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर वायरल हो रहा है। जिसके बाद लोगों में प्रमुख लेखा कंपनियों में व्याप्त शोषणकारी माहौल को लेकर बहस तेज हो गई है। लोग अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।
बेटी की मौत पर मां का लेटर वायरल
अन्ना की शोक संतप्त मां अनीता ऑगस्टीन के लेटर में बेटी की मौत के लिए काम को लेकर तनाव और लंबी वर्किंग को जिम्मेदार ठहराया गया है। जिसके कारण जुलाई में उसकी मौत हो गई थी। मां ने अर्न्स्ट एंड यंग इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी को पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि अपनी वर्किंग कल्चर में बदलाव करें। अन्ना के अंतिम संस्कार में कंपनी की ओर से कोई नहीं आया। इसको लेकर भी मां ने दुख जाहिर किया है। सोशल मीडिया पर इस लेटर को लेकर हंगामा मचा है। जिसके बाद श्रम मंत्रालय ने जांच की बात कही है।श्रम मंत्री ने कहा, जांच होगी
श्रम राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने एक्स पर लेटर को लेकर प्रतिक्रिया दी है। जिसमें लिखा है कि वे अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की मौत से दुखी हैं। उनके आरोपों की जांच चल रही है। कंपनी का जवाब भी आया है। जिसमें लिखा है कि वे अपनी कंपनी की कर्मचारी की मौत से दुखी हैं। स्वस्थ कार्यस्थल प्रदान के तरीके खोजने के उनके प्रयास जारी रहेंगे। अन्ना की मौत के बाद चार फर्मों की कार्यशैली को लेकर सवाल उठने लगे हैं।क यूजर ने लिखा कि उसकी बहन को दांत में दर्द हुआ। वह डेंटिस्ट के पास गई। लेकिन बॉस ने उसके ऊपर दबाव डाला कि वह काम करे। जवाब देने पर वह चिढ़ गया। एक अन्य यूजर ने भी इन कंपनियों को लेकर लिखा है। आरोप लगाया कि प्रबंधक लोगों को नाम से संबोधित नहीं करते। वे उनको सिर्फ संसाधन समझते हैं। जो किसी सहानुभूति के लायक नहीं हैं। जो लोग शाम को 6-7 बजे काम बंद करने की सोचते हैं, उनकी आधी सैलरी काटने की बात कही जाती है। 14-16 घंटे काम क्यों?
लंबे समय तक काम और अधिक दबाव झेलने वालों को ये फर्में पैसा तो देती हैं, लेकिन आराम नहीं। सप्ताह में रोजाना 16 घंटे काम, लगातार बैठकें और लास्ट में क्लाइंट पिच तैयार करने की अपेक्षा की जाती है। इस प्रवृत्ति के कारण अब युवा पेशेवर नौकरी छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। एक अन्य यूजर लिखता है कि उन लोगों से 14-16 घंटे काम की उम्मीद की जाती है।
श्रम मंत्रालय की प्रतिक्रिया
श्रम राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे अन्ना सेबेस्टियन की मौत से दुखी हैं और आरोपों की जांच की जाएगी। EY ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वे अपनी कर्मचारी की मौत से दुखी हैं और एक स्वस्थ कार्यस्थल प्रदान करने के प्रयासों पर काम कर रहे हैं।
वर्क कल्चर पर गुस्सा
इस घटना के बाद EY समेत अन्य बड़ी कंपनियों के शोषणकारी कार्यसंस्कृति पर सवाल उठाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने अपने अनुभव साझा किए हैं। एक यूजर ने लिखा कि उसकी बहन को डेंटिस्ट के पास जाने के बावजूद बॉस ने काम का दबाव डाला। एक अन्य यूजर ने आरोप लगाया कि कंपनी के प्रबंधक कर्मचारियों को इंसान की बजाय केवल संसाधन समझते हैं। ऐसे कर्मचारियों से 14-16 घंटे काम की उम्मीद की जाती है और समय पर काम बंद करने पर वेतन कटौती की धमकी दी जाती है।
लंबे घंटों का काम और दबाव
यह आरोप लगाया गया है कि EY जैसी कंपनियों में कर्मचारियों से हर दिन 14-16 घंटे काम की अपेक्षा की जाती है। कर्मचारियों पर लगातार बैठकों में शामिल होने और अंत में क्लाइंट प्रेजेंटेशन तैयार करने का दबाव डाला जाता है। इन कंपनियों में लंबे समय तक काम करने वाले कर्मचारियों को पैसा तो मिलता है, लेकिन उन्हें आराम नहीं दिया जाता।
क्या बदलेंगे कार्यस्थल के हालात?
अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की मौत ने एक बार फिर से इन बड़ी कंपनियों की कार्यसंस्कृति पर गहरी चोट की है। अत्यधिक काम का दबाव, अनियमित वर्किंग ऑवर्स और कर्मचारियों के साथ असंवेदनशीलता के आरोप इन कंपनियों की छवि पर सवाल खड़े कर रहे हैं। क्या इस घटना के बाद कार्यस्थल के माहौल में कोई बदलाव आएगा, यह समय ही बताएगा।