NEET Scam: मेडिकल एडमिशन्स के लिए छात्र विदेश क्यों जाते हैं ? THE PUBLIC NEWS Live रिपोर्ट

प्राप्त जानकारी के अनुसार, कई प्राइवेट और डीम्ड मेडिकल कॉलेजों में नीट पीजी प्रवेश परीक्षा में घोटाला किया जा रहा है। इस घोटाले के तहत कुछ कॉलेज छात्रों को मात्र पास होने के आधार पर डॉक्टर बनाने का आश्वासन दे रहे हैं। यह भी सामने आया है कि इन कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए छात्रों से भारी रकम वसूली जा रही है। 'बस पास हो जाओ, डॉक्टर बन जाओ' की नीति के तहत, छात्र बिना किसी कड़ी परीक्षा या मानकों का पालन किए सीधे डॉक्टर बनने का अवसर प्राप्त कर रहे हैं।

NEET Scam: मेडिकल एडमिशन्स के लिए छात्र विदेश क्यों जाते हैं ? THE PUBLIC NEWS Live  रिपोर्ट

NEET Scam: मेडिकल एडमिशन्स के लिए छात्र विदेश क्यों जाते हैं? THE PUBLIC NEWS 24 Live  रिपोर्ट

भारत में मेडिकल एडमिशन की प्रक्रिया में अनियमितताएं और भ्रष्टाचार का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) के घोटाले ने देश में मेडिकल शिक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीबीसी की ग्राउंड रिपोर्ट से पता चलता है कि ये घोटाला क्यों हो रहा है और इसके कारण भारतीय छात्र विदेश में मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।चिकित्सा क्षेत्र में शिक्षा की गुणवत्ता और अखंडता को लेकर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। हाल ही में प्राइवेट और डीम्ड मेडिकल कॉलेजों में नीट पीजी (पोस्ट ग्रेजुएट) प्रवेश परीक्षा को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है। इस घोटाले ने मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार और अव्यवस्था की पोल खोल दी है।

NEET घोटाला: क्या है मामला?

NEET, जो कि एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है, मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए अनिवार्य है। हाल ही में, कई राज्यों में परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र लीक, फर्जीवाड़ा, और अन्य अनियमितताओं के मामले सामने आए हैं। जांच एजेंसियों ने पाया कि कुछ दलाल और कोचिंग सेंटर छात्रों से मोटी रकम लेकर उन्हें परीक्षा में धांधली के जरिए अच्छे अंक दिलाने का आश्वासन देते हैं।कई प्राइवेट और डीम्ड मेडिकल कॉलेजों में नीट पीजी प्रवेश परीक्षा में घोटाला किया जा रहा है। इस घोटाले के तहत कुछ कॉलेज छात्रों को मात्र पास होने के आधार पर डॉक्टर बनाने का आश्वासन दे रहे हैं। यह भी सामने आया है कि इन कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए छात्रों से भारी रकम वसूली जा रही है। 'बस पास हो जाओ, डॉक्टर बन जाओ' की नीति के तहत, छात्र बिना किसी कड़ी परीक्षा या मानकों का पालन किए सीधे डॉक्टर बनने का अवसर प्राप्त कर रहे हैं।

छात्रों और अभिभावकों में चिंता: इस घोटाले के खुलासे से छात्रों और अभिभावकों में भारी चिंता और आक्रोश का माहौल है। कई अभिभावकों का कहना है कि उन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा के लिए बड़ी रकम खर्च की है, लेकिन अब उन्हें अपने निर्णय पर संदेह हो रहा है। छात्र भी अपनी मेहनत और प्रतिभा के बावजूद इस घोटाले के कारण हतोत्साहित महसूस कर रहे हैं।

भारतीय मेडिकल शिक्षा प्रणाली की चुनौतियां

भारत में मेडिकल सीटों की भारी कमी है। हर साल लाखों छात्र NEET की तैयारी करते हैं, लेकिन सीमित सीटों के कारण बहुत कम छात्रों को ही सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिल पाता है। निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस इतनी अधिक होती है कि सामान्य मध्यम वर्गीय परिवार के लिए उसे वहन करना मुश्किल हो जाता है।

विदेश में मेडिकल शिक्षा: एक विकल्प क्यों?

इन सभी कारणों से निराश होकर, कई भारतीय छात्र विदेश में मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने का विकल्प चुनते हैं। विदेश में मेडिकल शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों की प्रवृत्ति बढ़ रही है, खासकर देशों में जैसे रूस, यूक्रेन, चीन, फिलीपींस, और कजाकिस्तान। इसके पीछे कई कारण हैं:

  1. किफायती शिक्षा: कई देशों में मेडिकल शिक्षा की फीस भारत के निजी मेडिकल कॉलेजों की तुलना में काफी कम होती है।
  2. अधिक सीटें: विदेशों में मेडिकल सीटों की संख्या अधिक होती है, जिससे छात्रों के पास प्रवेश के अधिक अवसर होते हैं।
  3. गुणवत्ता शिक्षा: कुछ देशों में मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता उच्च होती है और उनका कोर्स भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) द्वारा मान्यता प्राप्त होता है।
  4. कम प्रतिस्पर्धा: भारतीय मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तुलना में विदेशों में प्रवेश प्रक्रिया अपेक्षाकृत कम प्रतिस्पर्धी होती है।

छात्र और अभिभावकों की प्रतिक्रियाएं

बीबीसी की ग्राउंड रिपोर्ट में कई छात्रों और उनके अभिभावकों से बातचीत की गई। छात्रों का कहना है कि वे एक अच्छे डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं, लेकिन भारतीय सिस्टम की जटिलताओं और भ्रष्टाचार ने उन्हें निराश किया है। अभिभावकों ने कहा कि वे अपने बच्चों के भविष्य के लिए विदेश में शिक्षा के लिए कर्ज लेने के लिए भी तैयार हैं, बशर्ते उनके बच्चों को एक अच्छा और सुरक्षित भविष्य मिल सके।

समाधान और सुधार की दिशा में प्रयास

सरकार और चिकित्सा शिक्षा प्रणाली को इस समस्या का समाधान निकालने की आवश्यकता है। यह जरूरी है कि NEET परीक्षा प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाया जाए। इसके अलावा, मेडिकल कॉलेजों की सीटें बढ़ाने और निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस को नियंत्रित करने के लिए नीतिगत सुधारों की भी आवश्यकता है।

निष्कर्ष

NEET घोटाला और मेडिकल एडमिशन में अनियमितताओं ने भारतीय छात्रों को विदेशों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए मजबूर कर दिया है। यदि भारतीय चिकित्सा शिक्षा प्रणाली को सुधारने के प्रयास नहीं किए गए, तो यह प्रवृत्ति और बढ़ सकती है, जिससे भारत में योग्य डॉक्टरों की कमी हो सकती है। सरकार और संबंधित अधिकारियों को इस गंभीर मुद्दे को हल करने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।