स्कूल बस में ना CCTV कैमरा, ना ही बच्चों की सुरक्षा: स्कूल की मनमानी पर लगाम कब ?
अभिभावकों की आवाज अभिभावकों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं को देखते हुए यह जरूरी है कि स्कूल प्रशासन इस दिशा में गंभीरता से कार्यवाही करे। अभिभावकों की अपेक्षाएँ केवल उच्च गुणवत्ता की शिक्षा तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि वे अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति भी पूर्ण आश्वस्त होना चाहते हैं।
सवाल (NMMC) आयुक्त से नवी मुंबई स्कूल बस में CCTV कब लगेंगे ?
स्कूलों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी: अभिभावकों की चिंताएँ
आजकल के समय में शिक्षा के महत्व को कोई नकार नहीं सकता। अभिभावक अपने बच्चों को बेहतरीन शिक्षा प्रदान करने के लिए उच्च फीस देने से भी पीछे नहीं हटते हैं। परन्तु, एक गंभीर प्रश्न यह उठता है कि जब अभिभावक स्कूल को इतनी भारी फीस दे रहे हैं तो स्कूल बच्चों की सुरक्षा को अनदेखा क्यों कर रहे हैं?
सुरक्षा मानकों में कमी
कई रिपोर्ट्स और घटनाओं से पता चला है कि कई प्रतिष्ठित स्कूलों में भी सुरक्षा के मानकों की अनदेखी की जा रही है। यह स्थिति तब और चिंताजनक हो जाती है जब अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति विश्वास के साथ उन्हें स्कूल भेजते हैं। कुछ प्रमुख मुद्दे निम्नलिखित हैं:
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सीसीटीवी कैमरों की अनुपलब्धता या खराब रखरखाव: कई स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, परन्तु उनका रखरखाव सही तरीके से नहीं किया जा रहा है। यह एक बड़ी सुरक्षा खामी है, जिससे बच्चों की गतिविधियों पर निगरानी नहीं रखी जा सकती।
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असुरक्षित परिवहन व्यवस्था: स्कूल बसों और वैन की स्थिति अक्सर चिंताजनक होती है। ड्राइवरों और कंडक्टरों की सही से जांच-पड़ताल नहीं की जाती, जिससे बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
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प्रशिक्षित सुरक्षा गार्ड्स का अभाव: कई स्कूलों में पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित सुरक्षा गार्ड्स नहीं होते हैं। यह स्थिति आपातकालीन स्थितियों में बच्चों की सुरक्षा के लिए हानिकारक हो सकती है।
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आपातकालीन उपायों की कमी: स्कूलों में आग, भूकंप या अन्य आपदाओं के समय के लिए आपातकालीन योजनाओं और मॉक ड्रिल्स का अभाव होता है। इससे बच्चों को ऐसे समय में सुरक्षित निकालने में कठिनाई होती है।
अभिभावकों की आवाज
अभिभावकों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं को देखते हुए यह जरूरी है कि स्कूल प्रशासन इस दिशा में गंभीरता से कार्यवाही करे। अभिभावकों की अपेक्षाएँ केवल उच्च गुणवत्ता की शिक्षा तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि वे अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति भी पूर्ण आश्वस्त होना चाहते हैं।
समाधान की दिशा में कदम
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नियमित सुरक्षा ऑडिट: स्कूलों को नियमित रूप से सुरक्षा ऑडिट करवाना चाहिए और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए।
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सुरक्षा स्टाफ की प्रशिक्षण: सुरक्षा गार्ड्स और अन्य संबंधित स्टाफ को उचित प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए ताकि वे आपातकालीन स्थितियों में सही कदम उठा सकें।
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प्रभावी निगरानी प्रणाली: स्कूल परिसर में प्रभावी सीसीटीवी निगरानी प्रणाली स्थापित करनी चाहिए और उसकी नियमित रूप से जांच-पड़ताल करनी चाहिए।
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अभिभावकों की सहभागिता: सुरक्षा योजनाओं में अभिभावकों की सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए और उनकी चिंताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए।
निष्कर्ष
बच्चों की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। जब अभिभावक अपने बच्चों की शिक्षा के लिए उच्च फीस अदा कर रहे हैं, तो स्कूलों का यह दायित्व बनता है कि वे बच्चों की सुरक्षा के प्रति कोई भी लापरवाही न बरतें। अभिभावकों और स्कूल प्रशासन के बीच समन्वय से ही बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है, जिससे वे निश्चिंत होकर अपने बच्चों को स्कूल भेज सकें।