अमेरिका द्वारा ताइवान को 30 करोड़ डॉलर के नए हथियार, 291 अल्टियस-600एम प्रणाली और 720 स्विचब्लेड ड्रोन, अमेरिका-चीन तनाव बढ़ा

China-Taiwan Tension: चीन से तनाव के बीच ताइवान को मिलेंगे पचास करोड़ डॉलर के हथियार,

अमेरिका द्वारा ताइवान को 30 करोड़ डॉलर के नए हथियार, 291 अल्टियस-600एम प्रणाली और 720 स्विचब्लेड ड्रोन, अमेरिका-चीन तनाव बढ़ा

ताइवान को 33 करोड़ डॉलर के सैन्य साजो-सामान देगा अमेरिका

वॉशिंगटन डी.सी.: अमेरिका ने ताइवान को 30 करोड़ अमेरिकी डॉलर के नए हथियार प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिसमें 291 अल्टियस-600एम प्रणाली और 720 स्विचब्लेड ड्रोन शामिल हैं। इस निर्णय ने अमेरिका और चीन के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।

ताइवान को मिलेंगे उन्नत हथियार:

ताइवान को दिए जाने वाले हथियारों में प्रमुख रूप से अल्टियस-600एम प्रणाली और स्विचब्लेड ड्रोन शामिल हैं। अल्टियस-600एम प्रणाली उन्नत निगरानी और सटीक हमले की क्षमता के लिए जानी जाती है, जबकि स्विचब्लेड ड्रोन ताइवान की सैन्य क्षमताओं को मजबूत करेंगे। इन उन्नत हथियारों से ताइवान की सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा और उसे संभावित खतरों से निपटने में मदद मिलेगी।

चीन की प्रतिक्रिया:

चीन ने इस फैसले की कड़ी निंदा की है और इसे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरा बताया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका का यह कदम ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव को और बढ़ा सकता है और यह चीन की संप्रभुता का उल्लंघन है। चीन ने चेतावनी दी है कि वह अपने हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।

अमेरिका का रुख:

अमेरिका ने अपने रुख को स्पष्ट करते हुए कहा है कि ताइवान की सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है और यह हथियार सौदा ताइवान की आत्मरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा कि यह निर्णय ताइवान के साथ लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को मजबूत करेगा और क्षेत्रीय सुरक्षा में योगदान देगा।

ताइवान का स्वागत:

ताइवान ने अमेरिका के इस कदम का स्वागत किया है और इसे अपनी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह हथियार सौदा ताइवान की सैन्य क्षमताओं को और मजबूत करेगा और उसे चीन के किसी भी संभावित आक्रमण का मुकाबला करने में मदद करेगा।

क्षेत्रीय स्थिरता पर प्रभाव:

इस हथियार सौदे ने क्षेत्रीय स्थिरता पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव को और बढ़ा सकता है और इससे अमेरिका और चीन के बीच के संबंधों में और तनाव पैदा हो सकता है। हालांकि, अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि वह ताइवान की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है और वह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए काम करेगा।

इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है और यह देखने की बात होगी कि आने वाले समय में यह स्थिति कैसे विकसित होती है। ताइवान की सुरक्षा और अमेरिका-चीन संबंधों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।