ऐरोली में बन्स हॉस्पिटल का मनमानी कारभार: गरीब मरीजों की हालत बदतर

स्थानीय समाजसेवी संगठनों ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। समाजसेवी रमेश कुमार का कहना है, "यह अत्याचार है। गरीब मरीजों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं होना चाहिए। हम चाहते हैं कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करे।"

ऐरोली में बन्स हॉस्पिटल का मनमानी कारभार: गरीब मरीजों की हालत बदतर

Navi Mumbai ऐरोली: ऐरोली के बन्स हॉस्पिटल में मरीजों के प्रति अत्यधिक लापरवाही और अनियमितता के चलते अस्पताल प्रशासन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। गरीब मरीजों की हालत बदतर होती जा रही है, और प्रशासन की मनमानी के कारण इलाज में भारी परेशानियां हो रही हैं।

स्थानीय निवासियों और मरीजों के परिवारों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने गरीब मरीजों के प्रति उदासीनता दिखाते हुए न केवल इलाज में देरी की है, बल्कि कई बार आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं को भी अनदेखा किया है। मरीजों को समय पर उचित इलाज नहीं मिलने के कारण उनकी हालत और बिगड़ती जा रही है।

मरीजों के परिवारों ने यह भी आरोप लगाया है कि अस्पताल में डॉक्टरों और स्टाफ की कमी के कारण इलाज में बाधाएं आ रही हैं। इसके अलावा, अस्पताल में आवश्यक दवाओं और उपकरणों की भी कमी है, जिससे मरीजों की परेशानियां और बढ़ गई हैं।

एक मरीज के परिवार ने बताया, "मेरे पिता की हालत गंभीर थी, लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें समय पर नहीं देखा। जब हमने प्रशासन से शिकायत की, तो हमें धमकी दी गई कि हमें दूसरे अस्पताल में ले जाया जाएगा।"

स्थानीय समाजसेवी संगठनों ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। समाजसेवी रमेश कुमार का कहना है, "यह अत्याचार है। गरीब मरीजों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं होना चाहिए। हम चाहते हैं कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करे।"

इस बीच, अस्पताल प्रशासन ने इन आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि वे मरीजों को सर्वोत्तम सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अस्पताल के प्रवक्ता ने कहा, "हमारे अस्पताल में सभी मरीजों को समान उपचार मिलता है। हम इन आरोपों की जांच करेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे।"

हालांकि, इन आश्वासनों के बावजूद, स्थानीय लोगों में अस्पताल के प्रति नाराजगी और अविश्वास बना हुआ है। वे चाहते हैं कि इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जाए और अस्पताल प्रशासन को जवाबदेह ठहराया जाए।

ऐरोली के बन्स हॉस्पिटल में हाल ही में घटी घटनाओं ने स्थानीय निवासियों को आक्रोशित कर दिया है। स्थानीय नगरसेवक बहादूर बिस्ट ने आरोप लगाया है कि हॉस्पिटल ने गरीब मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया है। बिस्ट ने बताया कि हॉस्पिटल में जलने से पीड़ित नागरिकों को साधारण मलहम तक नहीं लगाया गया, जिससे उनकी स्थिति और भी गंभीर हो गई।

बिस्ट ने आगे दावा किया कि हॉस्पिटल पैसे जमा किए बिना मरीजों का इलाज नहीं करता है। इस वजह से गरीब मरीजों को उचित उपचार नहीं मिल पाता और उन्हें असहनीय पीड़ा सहनी पड़ती है। वर्तमान में ये मरीज वाशी के सरकारी अस्पताल में उपचार करवा रहे हैं, जहाँ उनकी स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा रही है।

मरीजों ने आरोप लगाया है कि बन्स हॉस्पिटल ने ट्रस्ट के नाम पर सस्ती कीमत पर जमीन ली थी और इस आधार पर गरीबों को कम दर पर इलाज का आश्वासन दिया था, लेकिन अब उन्हें धोखा दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि हॉस्पिटल केवल पैसे कमाने के उद्देश्य से गरीब मरीजों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रहा है, जो कि बिल्कुल अस्वीकार्य है।

हॉस्पिटल के इस रवैये के कारण ऐरोली में नागरिकों में गहरा आक्रोश है। कई लोगों ने इस मामले में आवाज उठाने की मांग की है। स्थानीय नेता और कार्यकर्ता हॉस्पिटल के मनमाने व्यवहार पर ध्यान देने और गरीब मरीजों को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि वे जल्द से जल्द इस मामले की जांच करें और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।

इस घटना ने न केवल अस्पताल प्रशासन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि समाज में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और उपलब्धता पर भी गंभीर चिंता उत्पन्न की है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या गरीब मरीजों को न्याय मिल पाता है। नागरिकों की मांग है कि ऐसी घटनाओं को रोका जाए और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जाए, ताकि सभी लोगों को उचित और समय पर इलाज मिल सके।

इस घटना ने एक बार फिर से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है, ताकि गरीब और जरूरतमंद लोगों को भी समय पर और उचित चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।