महाराष्ट्र की गूंगी बहरी सरकार: स्कूल के बच्चों के साथ हो रहे अपराधों का जिम्मेदार कौन ?
जनता के सवालों का जवाब देना अब सरकार और स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी है। अगर अब भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो बच्चों की सुरक्षा के साथ हो रहा यह खिलवाड़ और गंभीर रूप ले सकता है, जिसके लिए पूरे तंत्र को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
Navi Mumbai [23.08.2024]: देशभर में स्कूलों में बच्चों के साथ बढ़ते अपराधों ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। जनता के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इन अपराधों का जिम्मेदार कौन है? क्यों अब तक किसी भी स्कूल पर कठोर कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि अपराधों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है?
हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि कई स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे या तो लगाए ही नहीं गए हैं, और जहां लगाए गए हैं, वे सिर्फ दिखावे के लिए हैं। स्कूल बसों में भी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। जब भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए जाते हैं, तो जवाबदेही से बचने के लिए राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो जाती है और असली मुद्दे से ध्यान हटा दिया जाता है।
बच्चों की सुरक्षा के साथ हो रहा यह खिलवाड़ आखिर कब तक जारी रहेगा? इस प्रश्न का उत्तर न तो सरकार के पास है और न ही स्कूल प्रबंधन के पास। क्या हमारा तंत्र इतना असहाय हो गया है कि बच्चों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकता ?
जनता की नाराजगी और सवाल
जनता का आक्रोश इस बात से है कि क्यों अब तक किसी भी स्कूल पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है? क्यों सुरक्षा के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जा रहा है? क्यों बच्चों की सुरक्षा के साथ इस तरह का खिलवाड़ हो रहा है, और इसके बावजूद भी स्कूल प्रशासन और सरकार मौन हैं?
सीसीटीवी और सुरक्षा का अभाव
स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे होने के बावजूद, वे केवल दिखावे के लिए हैं। कई स्कूलों में तो सीसीटीवी कैमरे लगाए ही नहीं गए हैं, और जहां लगाए गए हैं, वहां उनकी गुणवत्ता इतनी खराब है कि अपराध होने पर भी कोई सबूत नहीं मिलता। इसके अलावा, स्कूल बसों में भी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं, जिससे बच्चों की सुरक्षा में भारी कमी हो रही है।
कब तक चलेगा यह सिलसिला ?
इस मुद्दे पर सरकार और स्कूल प्रशासन को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की जरूरत है। बच्चों की सुरक्षा से समझौता करना किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं हो सकता। जनता की मांग है कि स्कूलों में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे और अन्य आवश्यक उपकरण अनिवार्य रूप से लगाए जाएं और उनकी नियमित जांच हो। इसके अलावा, स्कूल बसों में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं ताकि बच्चों के साथ हो रहे अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके।
जनता के सवालों का जवाब देना अब सरकार और स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी है। अगर अब भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो बच्चों की सुरक्षा के साथ हो रहा यह खिलवाड़ और गंभीर रूप ले सकता है, जिसके लिए पूरे तंत्र को जवाबदेह ठहराया जाएगा।