बॉम्बे जिमखाना में Church of North India से संबंधित 2 चर्च निकायों को खाली करने का आदेश

मुंबई, 31 मई: शहर की सिविल कोर्ट ने चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (CNI) के प्रशासनिक निकाय द्वारा बॉम्बे जिमखाना में अपने मुख्यालयों को खाली करने के आदेश को खारिज कर दिया है। यह निकाय एक प्रोटेस्टेंट समुदाय है और इसे मालिकों द्वारा चुनौती दी गई थी।

बॉम्बे जिमखाना में Church of North India से संबंधित 2 चर्च निकायों को खाली करने का आदेश

बॉम्बे जिमखाना में Church of North India से संबंधित 2 चर्च निकायों को खाली करने का आदेश

मुंबई, 31 मई: शहर की सिविल कोर्ट ने चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (CNI) के प्रशासनिक निकाय द्वारा बॉम्बे जिमखाना में अपने मुख्यालयों को खाली करने के आदेश को खारिज कर दिया है। यह निकाय एक प्रोटेस्टेंट समुदाय है और इसे मालिकों द्वारा चुनौती दी गई थी।

बॉम्बे डायोसेसन काउंसिल और बॉम्बे डायोसेसन ट्रस्ट एसोसिएशन (BDTA) जैसे निकाय CNI के शासी निकाय हैं। इन निकायों को पहले एंग्लिकन चर्च का हिस्सा माना जाता था।

इस निर्णय के पीछे का कारण है कि रक्षा संपदा कार्यालय ने ट्रस्ट को अप्रैल 2022 में बेदखल करने का आदेश जारी किया था। प्रधान न्यायाधीश ए सुब्रमण्यन ने 7 मई के आदेश में ट्रस्ट को 8 जुलाई तक संपत्ति खाली करने का आदेश दिया।

यह संपत्ति धार्मिक उद्देश्यों के लिए है, लेकिन आरोप है कि इसे गैर-धार्मिक उपयोग के लिए किराए पर देकर पट्टे की शर्तों का उल्लंघन किया गया।

बीडीटीए के वकीलों ने बेदखली के आदेश के खिलाफ अपील की है। इसमें विल्सन कॉलेज जिमखाना और स्कूल जैसी संपत्तियां शामिल हैं।

समुदाय समूहों ने इस निर्णय के खिलाफ आरोप लगाया है कि चर्च प्रशासन में भ्रष्टाचार के कारण संपत्तियों का नुकसान हुआ है।

क्रिश्चियन रिफॉर्म यूनाइटेड पीपल एसोसिएशन (CRUPA) ने कहा, "ईसाई समुदाय और सभी सदस्यों को एक साथ आने और संपत्तियों की जिम्मेदारी लेने की जरूरत है।"

इस मामले में कोई अपील नहीं हुई है कि BDTA ने अपील की है या नहीं।

आखिरी विचार: यह निर्णय समाज में बड़े विवाद का केंद्र बन चुका है, जो धार्मिक संपत्ति के नियंत्रण पर सवाल उठाता है। स्थानीय समुदायों के बीच तनाव बढ़ रहा है और न्यायिक प्रक्रिया में बदलाव की उम्मीद है।*

लेखक: Alok Shukla ( Mumbai )