मुंबई-अहमदाबाद वंदे भारत और शताब्दी ट्रेनें 15 अगस्त तक 160 किमी/घंटा की रफ्तार से चलेंगी

एक रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली वंदे भारत और शताब्दी ट्रेनें 15 अगस्त से 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी। रेलवे बोर्ड ने मुंबई और वडोदरा डिवीजनों को 30 जून तक आवश्यक कार्य पूरा करने और कन्फर्मेटरी ऑसिलोग्राफ कार चलाने का निर्देश दिया

मुंबई-अहमदाबाद वंदे भारत और शताब्दी ट्रेनें 15 अगस्त तक 160 किमी/घंटा की रफ्तार से चलेंगी

मुंबई: मिशन रफ्तार के तहत, मुंबई-अहमदाबाद वंदे भारत और शताब्दी ट्रेनें 15 अगस्त तक 160 किमी/घंटा की गति प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। रेलवे बोर्ड ने मुंबई और वडोदरा मंडलों को 30 जून तक आवश्यक कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है, जिसमें पुष्टि करने वाले ऑसिलोग्राफ कार रन भी शामिल हैं।

प्रोजेक्ट का उद्देश्य: इस परियोजना का उद्देश्य व्यस्त मार्गों पर ट्रेन की गति बढ़ाना है। सुपरफास्ट/मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए 25 किमी/घंटा की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है, जबकि मालगाड़ियों की गति को दोगुना करने का प्रयास किया जा रहा है।

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प्रमुख बिंदु:

  1. कार्य की समयसीमा: रेलवे बोर्ड ने मुंबई और वडोदरा मंडलों को 30 जून तक सभी आवश्यक कार्य, जिनमें ऑसिलोग्राफ कार रन की पुष्टि शामिल है, पूरा करने का निर्देश दिया है।
  2. गति में वृद्धि: मिशन रफ्तार के तहत, मुंबई-अहमदाबाद वंदे भारत और शताब्दी ट्रेनों की गति को 160 किमी/घंटा तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
  3. व्यस्त मार्गों पर फोकस: परियोजना का मुख्य उद्देश्य व्यस्त मार्गों पर ट्रेन की गति बढ़ाकर यात्रियों के यात्रा समय को कम करना और मालगाड़ियों की गति को दोगुना करना है।
  4. सुपरफास्ट/मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें: इन ट्रेनों के लिए 25 किमी/घंटा की गति वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है, जिससे उनकी औसत गति में महत्वपूर्ण सुधार होगा।

तकनीकी कार्य: इस परियोजना के तहत, ट्रैक सुधार, सिग्नलिंग उन्नयन, और सुरक्षा उपायों को लागू किया जाएगा ताकि उच्च गति पर सुरक्षित और कुशल संचालन सुनिश्चित किया जा सके।

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उम्मीदें और लाभ:

  • यात्रा समय में कमी: गति में वृद्धि से मुंबई और अहमदाबाद के बीच यात्रा समय में महत्वपूर्ण कमी आएगी, जिससे यात्रियों को तेजी से यात्रा का अनुभव मिलेगा।
  • सामान्य सेवा में सुधार: मिशन रफ्तार के तहत अन्य सुपरफास्ट/मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों की गति भी बढ़ाई जाएगी, जिससे समग्र सेवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
  • मालगाड़ियों की दक्षता: मालगाड़ियों की गति दोगुनी होने से माल परिवहन की दक्षता बढ़ेगी, जिससे व्यापार और उद्योग को लाभ होगा।

निष्कर्ष: मिशन रफ्तार के तहत मुंबई-अहमदाबाद वंदे भारत और शताब्दी ट्रेनों की गति को 160 किमी/घंटा तक बढ़ाने का प्रयास भारतीय रेलवे की क्षमता और सेवा में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित समयसीमा के भीतर सभी आवश्यक कार्यों को पूरा करने से यह सुनिश्चित होगा कि यात्री और माल सेवाएं दोनों उच्चतम मानकों पर संचालित हों।