सुप्रीम कोर्ट से शिंदे कैंप को मिली बड़ी राहत,उद्धव गुट को अयोग्य नहीं कर सकेंगे स्पीकर

सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के दोनों गुटों के विधायकों की अयोग्यता को लेकर होने वाली कार्यवाही पर रोक लगा दी है. इससे सभी विधायकों और खासकर एकनाथ शिंदे गुट को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि स्पीकर विधायकों के खिलाफ अभी कोई एक्शन न लें. और कोर्ट का फैसला आने तक मामले को स्थगित रखें.

सुप्रीम कोर्ट से शिंदे कैंप को मिली बड़ी राहत,उद्धव गुट को अयोग्य नहीं कर सकेंगे स्पीकर

सुप्रीम कोर्ट में आज महाराष्ट्र मामले की सु​नवाई नहीं होगी। कोर्ट अभी बेंच का गठन करेगी। उसके बाद मामले की लिस्टिंग होगी। सुप्रीम कोर्ट ने Disqualification की सभी कार्रवाई पर रोक लगाई। चीफ जस्टिस ने कहा कि महाराष्ट्र मामले की सुनवाई अब संवैधानिक बेंच करेगी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पुराने स्पीकर द्वारा न ही शिंदे ग्रुप के विधायकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई और न ही नए स्पीकर द्वारा उद्धव ग्रुप के विधायकों पर कार्रवाई होगी। यह रोक अगली सुनवाई तक जारी रहेगी।

शिवसेना की तरफ से कपिल सिब्बल की दलीलें

महाराष्ट्र से जुड़ीं सभी याचिकाओं पर 11 जुलाई को सुनवाई तय हुई थी. लेकिन कोर्ट में आज यह मामला लिस्टेड ही नहीं हुआ. ऐसे में उद्धव ठाकरे गुट की ओर से कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस के सामने इसकी जल्द सुनवाई की मांग की.

कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा,

9 विधायकों की अयोग्यता का मामला सुप्रीम कोर्ट में 27 जून को 11 जुलाई के लिए लिस्टेड किया गया था. लेकिन याचिका आज (11 जुलाई) को लिस्टेड नहीं हुई है. उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों को कल (मंगलवार, 12 जुलाई को) स्पीकर के सामने जवाब देना है. ऐसे में मामले की सुनवाई आज की जाए.

इसे लेकर चीफ जस्टिस ने कहा,

स्पीकर को यह जानकारी दी जाए कि वे अभी फैसला न लें. यह मामला समय लेने वाला है. ऐसे में बेंच का गठन तुरंत नहीं हो सकता. कोर्ट पहले सभी पक्षों की बात सुनेगा फिर फैसला करेगा. इसके बाद ही विधानसभा स्पीकर कोई फैसला लें.

दोनों गुटों ने जारी किए थे अलग-अलग व्हिप

इससे पहले दोनों गुटों ने 3-4 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव और विश्वासमत के प्रस्ताव पर अलग-अलग व्हिप जारी किये थे। जिसके बाद दोनों गुटों ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए दोनों पक्षों के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है। शिंदे खेमे ने उन विधायकों की सूची में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का नाम शामिल नहीं किया है, जिन्हें उन्होंने अयोग्य ठहराने की मांग की है। नोटिस महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य दल-बदल के  नियमों के तहत जारी किए गए हैं। विधायकों को सात दिन के भीतर अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा गया है।