क्या महाराष्ट्र में गुटखा बंदी हटाने की कोशिशें शुरू सबसे बड़ा सवाल ?

क्या महाराष्ट्र में गुटखा बंदी हटाने की कोशिशें शुरू सबसे बड़ा सवाल ?

क्या महाराष्ट्र में गुटखा बंदी हटाने की कोशिशें शुरू सबसे बड़ा सवाल ? 

मुंबई. महाराष्ट्र में गुटखा व पान मसाला पर पाबंदी हटाने के लिए लॅाबी सक्रिय हो गई है। अन्न व औषधि प्रशासन (एफडीए) के साथ-साथ उन डाक्टरों पर दबाव डाला जा रहा है जिनके कारण राज्य सरकार को गुटखा बंद करने का फैसला लेना पड़ा। जानकारों का दावा है कि इस दबाव तंत्र में गुटखा कंपनियों के मालिकों के अलावा कुछ राजनेता भी शामिल हैं। पिछले साल 19 जुलाई को राज्य सरकार ने गुटखा व पान मसाले पर एक साल की पाबंदी का फैसला किया था। तब से अब तक एफडीए ने राज्यभर में छापे मारकर 16 करोड़ का गुटखा जब्त किया है।

मुंह के कैंसर व अन्य बीमारियों के लिए गुटखा कसूरवार है और कई मेडिकल अनुसंधानों में यह साबित भी हो चुका है। पिछले साल एफडीए के आयुक्त महेश झगड़े ने कई तरह के दबावों के बावजूद गुटखा व पान मसाला बंदी के लिए कमर कस ली थी। उन्होंने टाटा कैंसर अस्पताल के डॉक्टर पंकज चतुर्वेदी व अन्य डाक्टरों की मदद से गुटखा व कैंसर के सीधे संबंध की जानकारी राज्य सरकार को मुहैया कराई थी। आखिर मंत्रिमंडल को इस बारे में फैसला करना पड़ा था। इस फैसले से राज्य सरकार को १०० करोड़ के कर का नुकसान उठाना पड़ा था। सूत्रों के अनुसार हाल में गुटखा लाबी की ओर से टाटा कैंसर अस्पताल के डॉक्टरों से संपर्क किया गया। लाबी का कहना है कि गुटखा पर भले ही बंदी जारी रहे, लेकिन पान मसाले को छूट मिल जानी चाहिए। इस बारे में एफडीए के अधिकारी कहते हैं कि दोनों का स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए पान मसाले को अलग कैसे किया जा सकता है? इस बीच टाटा अस्पताल के डॉक्टरों व एफडीए के कुछ अधिकारियों ने दवाब की पुष्टि की है।

हर साल 10 लाख से ज्यादा मौतें

मेडिकल रिसर्च से इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि देश भर में हर साल गुटखा व तंबाकू का सेवन करने वाले 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है। मुंह के कैंसर के 90 फीसदी मामले तंबाखू के कारण होते हैं। वैसे पाबंदी के बाद करीब दस महीने में एफडीए की तरफ से राज्य भर में मारे गए छापों में 16 करोड़ का गुटखा जब्त किया जा चुका है।

मुझे कोई जानकारी नहीं

यह मसला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है। पाबंदी के खिलाफ कई गुटखा कंपनियां अदालत में हैं। वैसे गुटखा लॉबी के दबाव को लेकर मुझे कोई जानकारी नहीं है। महेश झगड़े, आयुक्त, एफडीए