THE PUBLIC NEWS 24 लाइव न्यूज़: 151 सांसदों और विधायकों के खिलाफ महिला उत्पीड़न के मामले दर्ज, राजनीतिक दलों की भूमिका पर सवाल

राज्यवार आंकड़ों की बात करें तो पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 25 जनप्रतिनिधियों पर महिला अपराध के आरोप लगे हैं, जिनमें 21 विधायक और 4 सांसद शामिल हैं। इसके बाद आंध्र प्रदेश में 21, ओडिशा में 17, और दिल्ली तथा महाराष्ट्र में 13-13 जनप्रतिनिधियों पर आरोप हैं।

THE PUBLIC NEWS 24 लाइव न्यूज़: 151 सांसदों और विधायकों के खिलाफ महिला उत्पीड़न के मामले दर्ज, राजनीतिक दलों की भूमिका पर सवाल

कोलकाता, 10 अगस्त 2024: कोलकाता में हाल ही में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना ने देश भर में आक्रोश की लहर पैदा कर दी, और आम जनता सड़कों पर उतरकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है। इसी बीच, एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफ़ॉर्म्स (एडीआर) की एक नई रिपोर्ट ने देश की राजनीति में हलचल मचा दी है। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 151 मौजूदा सांसदों और विधायकों के खिलाफ महिला उत्पीड़न के मामले दर्ज हैं।

महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल

एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच द्वारा किए गए इस अध्ययन में देश के 4,693 मौजूदा सांसदों और विधायकों के हलफ़नामों का विश्लेषण किया गया है। इसमें पाया गया कि 16 सांसदों और 135 विधायकों पर महिला उत्पीड़न से जुड़े गंभीर आरोप हैं, जिनमें बलात्कार, यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़, और वेश्यावृत्ति के लिए नाबालिग़ लड़कियों की खरीद-फरोख्त जैसे अपराध शामिल हैं।

पार्टीवार आंकड़े

रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा 54 बीजेपी के जनप्रतिनिधियों पर महिला उत्पीड़न के मामले दर्ज हैं। इनमें 44 विधायक और 10 सांसद शामिल हैं। कांग्रेस के 23, तेलुगु देशम पार्टी के 17, आम आदमी पार्टी के 13, तृणमूल कांग्रेस के 10, और राष्ट्रीय जनता दल के 5 नेताओं पर भी ऐसे ही अपराधों के आरोप हैं।

राज्यवार स्थिति

राज्यवार आंकड़ों की बात करें तो पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 25 जनप्रतिनिधियों पर महिला अपराध के आरोप लगे हैं, जिनमें 21 विधायक और 4 सांसद शामिल हैं। इसके बाद आंध्र प्रदेश में 21, ओडिशा में 17, और दिल्ली तथा महाराष्ट्र में 13-13 जनप्रतिनिधियों पर आरोप हैं।

बलात्कार के मामलों में शामिल जनप्रतिनिधि

सबसे गंभीर आरोप, जैसे बलात्कार, में 16 जनप्रतिनिधि शामिल हैं, जिनमें 2 सांसद और 14 विधायक हैं। इनमें से बीजेपी के 5, कांग्रेस के 5, और अन्य पार्टियों के भी कुछ विधायक शामिल हैं। मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, असम, दिल्ली, गोवा, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु, और तेलंगाना राज्यों से इन आरोपों के मामले सामने आए हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों की प्रतिक्रिया

वरिष्ठ पत्रकार प्रतिमा जोशी का कहना है, "हम सत्ता में रहते हुए आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों से न्याय की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? यह प्रवृत्ति धीरे-धीरे राजनीति में बढ़ती गई है और यह बेहद चिंताजनक है।"

नीरजा चौधरी, एक अन्य वरिष्ठ पत्रकार, ने राजनीतिक दलों को पाखंड का आरोप लगाते हुए कहा, "महिला उत्पीड़न के आरोपों के बावजूद ऐसे नेताओं को टिकट देना सभी राजनीतिक दलों का पाखंड है। यह स्थिति हमारे समाज में गहरे समस्या की ओर इशारा करती है।"

अंत में

इस रिपोर्ट ने देश के राजनीतिक दलों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तरफ, वे महिलाओं की सुरक्षा की बात करते हैं, दूसरी ओर, ऐसे लोगों को चुनावी मैदान में उतारते हैं जिनके खिलाफ महिलाओं के खिलाफ अपराध दर्ज हैं। इस मुद्दे पर अब देशभर में बहस छिड़ गई है, और जनता ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।