Navi Mumbai : सिडको अधिकारियों की विफलता नियमों का पालन करने में लापरवाही पैसे के लेन-देन पर सवाल सिडको की चुप्पी क्यों ? THE PUBLIC NEWS 24

क्या इस प्रोजेक्ट में पंकजा डेवलपर्स और ए.एस. बिल्डर एलएलपी द्वारा कोई पैसे का बंटवारा हुआ है ?

Navi Mumbai : सिडको अधिकारियों की विफलता  नियमों का पालन करने में लापरवाही  पैसे के लेन-देन पर सवाल सिडको की चुप्पी क्यों ? THE PUBLIC NEWS 24

पैसे के लेन-देन पर सवाल: सिडको की चुप्पी क्यों ? 

सीआईडीसीओ अधिकारियों की कार्यवाही और लापरवाही सिर्फ पैसे की वसूली तक सीमित है। क्या इस प्रोजेक्ट में पंकजा डेवलपर्स और ए.एस. बिल्डर एलएलपी द्वारा किया गया कोई पैसे का बंटवारा हुआ है? जब अधिकारियों से सवाल पूछा जाता है तो उन्हें कार्यवाही करने में तालमटोल करते हुए देखा जाता है, जो इस पूरे मामले को और संदिग्ध बना देता है।

CIDCO  अधिकारियों से पूछे जाने वाले सवाल:

  1. क्या बिना कम्प्लीशन सर्टिफिकेट के बिल्डर घरों को बेच सकते हैं?
    यह एक गंभीर कानून का उल्लंघन है और इसमें सीआईडीसीओ अधिकारियों की भूमिका की जांच होनी चाहिए।

  2. बिना RERA अकाउंट खोले पैसे किसके खाते में जमा हो रहे हैं?
    यह एक महत्वपूर्ण सवाल है जो इस पूरे मामले में पैसे के लेन-देन की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है।

  3. बिना कम्प्लीशन सर्टिफिकेट के घर बेचने के लिए जिम्मेदार अधिकारी कौन हैं?
    जनता को यह जानने का हक है कि आखिरकार इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन है और क्यों अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है?

  4. अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई?
    इस सवाल का जवाब अधिकारियों को देना चाहिए और इस मामले में देरी के कारणों को स्पष्ट करना चाहिए।

क्या इस प्रोजेक्ट में पंकजा डेवलपर्स और ए.एस. बिल्डर एलएलपी द्वारा कोई पैसे का बंटवारा हुआ है ? पैसे के लेन-देन पर सवाल: सिडको की चुप्पी क्यों?

आरोप यह भी लग रहे हैं कि सीआईडीसीओ अधिकारियों की कार्यवाही और लापरवाही सिर्फ पैसे की वसूली तक सीमित है। क्या इस प्रोजेक्ट में पंकजा डेवलपर्स और ए.एस. बिल्डर एलएलपी द्वारा किया गया कोई पैसे का बंटवारा हुआ है? जब अधिकारियों से सवाल पूछा जाता है तो उन्हें कार्यवाही करने में तालमटोल करते हुए देखा जाता है, जो इस पूरे मामले को और संदिग्ध बना देता है।

इस प्रोजेक्ट में पंकजा डेवलपर्स और ए.एस. बिल्डर एलएलपी द्वारा पैसे का बंटवारा हुआ है या नहीं, यह एक गंभीर और जांच योग्य सवाल है। आरोपों के अनुसार, सीआईडीसीओ अधिकारियों की कार्यवाही और लापरवाही सिर्फ पैसे की वसूली तक सीमित हो सकती है।

सवाल यह भी उठता है कि क्या इस प्रोजेक्ट में कोई अनियमितता हुई है और क्या सीआईडीसीओ के अधिकारियों ने जानबूझकर इस पर पर्दा डालने की कोशिश की है। जब अधिकारियों से इस मुद्दे पर सवाल पूछा जाता है, तो कार्यवाही करने में देरी और तालमटोल की स्थिति देखने को मिलती है, जो इस पूरे मामले को और अधिक संदिग्ध बना देती है।

CIDCO की चुप्पी और इस मामले में उचित कार्रवाई न करने की वजह से जनता के बीच अविश्वास और नाराजगी बढ़ती जा रही है। ऐसे में यह जरूरी है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच हो, ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को सजा मिल सके। सिडको अधिकारियों की इस लापरवाही से जनता में नाराजगी और अविश्वास बढ़ता जा रहा है। अगर समय रहते इस मामले में कठोर कार्यवाही नहीं की गई, तो यह न केवल सीआईडीसीओ की साख को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि अन्य बिल्डरों को भी नियमों का उल्लंघन करने के लिए प्रेरित कर सकता है। जनता को पारदर्शिता, जवाबदेही और न्याय की जरूरत है, और यह सुनिश्चित करना सीआईडीसीओ अधिकारियों की जिम्मेदारी है।